हिमाचल ने केंद्र से मांगे मौसम में हुए नुकसान के लिए 374 करोड़

  • मुख्य सचिव ने की अन्तर मंत्रालयी टीम से बैठक

 रीना ठाकुर/शिमला: अन्तर मंत्रालयी केन्द्रीय टीम (आईएमसीटी) के साथ मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने आज यहां एक बैठक की अध्यक्षता की। यह टीम प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर हिमाचल में वर्ष 2019 की सर्दियों में हुए नुकसान का जायजा लेने आई थी। उन्होंने बताया कि सर्दियों के मौसम में राज्य में भारी बर्फबारी, हिम-स्खलन, भू-स्खलन, ओलावृष्टि और भारी वर्षा के कारण भारी जान व माल का नुकसान हुआ है। प्रदेश में हुए 374.21 करोड़ के नुकसान के सम्बन्ध में राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को ज्ञापन सौंपा है।

मुख्य सचिव ने कहा कि एक जनवरी से 31 मार्च, 2019 की अवधि के दौरान प्रदेश में 408 लोगों तथा 207 जानवरों ने अपनी जाने गवांई। इसी प्रकार 1346 घर, 9516 जलापूर्ति योजनाएं, 30921 विद्युत लाइने, 10260 (एलटी) बिजली के खम्बे क्षतिग्रस्त हुए है। इसके अतिरिक्त इस अवधि में 13733 किलोमीटर लम्बी सड़कें तथा 377 हेक्टेयर बागवानी भूमि पर लगी फसल व फलदार पौधों को नुकसान पहुंचा है। आईएमसीटी के संयुक्त सचिव, स्वतंत्रता सेनानी पुनर्वास विभाग के के.बी.सिंह ने शिमला, चम्बा, कुल्लू तथा मण्डी जिला में हुए नुकसान का जायजा लिया। आईएमसीटी के अन्य सदस्यों जिनमें निदेशक बागवानी डॉ. एम.एन. सिंह, निदेशक (व्यय) एस.सी. मीना तथा उप निदेशक (ग्रामीण विकास मंत्रालय) ने एसएस मोदी, निदेशक केन्द्रीय जल आयोग ओ.पी. गुप्ता सिंह, उप निदेशक ऊर्जा ओ.पी. सुमन, क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग विपनेश शर्मा ने नुकसान का जायजा लिया।

निदेशक एवं विशेष सचिव, हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण डी.सी. राणा ने प्रदेश में हुए नुकसान का विवरण देते हुए बताया कि राज्य में बागवानी एवं कृषि क्षेत्र में 0.54 करोड़, पशुपालन में 0.19 करोड़, मत्स्य पालन में 0.015 करोड़, हाउसिंग में 10.46 करोड़, सामुदायिक सम्पति में 2.50 करोड़, वन में 6.78 करोड़, लोक निर्माण विभाग में 242.27 करोड़, सिंचाई एंव जन स्वास्थ्य 43.97 करोड़ तथा बिजली विभाग में 51.17 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

इसके अतिरिक्त सर्दियों के मौसम में आपदाओं के दौरान जान गंवाने पर 16.32 करोड़ रुपये अनुग्रह राशि के रूप में प्रदान की गई।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *