- एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेंट किया चेक
- एसजेवीएन ने अब तक प्रदेश सरकार को 1463.96 करोड़ रुपए का संचयी लाभांश किया अदा : नन्द लाल शर्मा
- शर्मा ने किया मुख्यमंत्री से राज्य में अधिक जलविद्युत परियोजनाओं के आबंटन पर विचार करने का अनुरोध
शिमला : एसजेवीएन ने कंपनी की 25.5% इक्विटी धारक हिमाचल प्रदेश सरकार को 200.45 करोड़ रुपए का अंतरिम लाभांश अदा किया है। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा द्वारा शिमला में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को लाभांश का चेक भेंट किया गया। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव-सह-प्रधान सचिव मनीषा नंदा, प्रधान सचिव (विद्युत), आर.डी. धीमान तथा एसजेवीएन के निदेशक (विद्युत), आर.के. बंसल की गरिमापूर्ण उपस्थिति में चेक भेंट किया गया।
मुख्यमंत्री को चेक भेंट करते हुए नन्द लाल शर्मा ने उन्हें बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने 1055.01 करोड़ रुपए की इक्विटी का निवेश किया है तथा इस लाभांश भुगतान के साथ एसजेवीएन लिमिटेड ने आज की तारीख तक हिमाचल प्रदेश सरकार को 1463.96 करोड़ रुपए का संचयी लाभांश अदा किया है।
शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि एसजेवीएन के 1500 मेगावाट के नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन तथा 412 मेगावाट के रामपुर जलविद्युत स्टेशन नामक दो परियोजनाओं ने आज के दिन तक लगभग 1,00,776 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया है जिसमें से 12,093 मिलियन यूनिट विद्युत राज्य को निःशुल्क उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान एसजेवीएन की इन दो परियोजनाओं ने लगभग 9000 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन किया है जिसमें से 1080 मिलियन यूनिट विद्युत की आपूर्ति राज्य को निःशुल्क की गई है।
नन्द लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री से लूहरी जलविद्युत परियोजना तथा धौलासिद्ध जलविद्युत परियोजना के निष्पादन में राज्य सरकार के सक्रिय समर्थन हेतु अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने संबंधित प्राधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए। शर्मा ने मुख्यमंत्री से राज्य में एसजेवीएन को अधिक जलविद्युत परियोजनाओं के आबंटन पर विचार करने हेतु भी अनुरोध किया। शर्मा ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि एसजेवीएन के पास जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए आवश्यक योग्यता और संसाधन है। उन्होंने आगे कहा कि इससे राज्य सरकार को राज्य की जलविद्युत क्षमता के दोहन में मदद मिलेगी, जिससे राज्य को आर्थिक और सामाजिक रूप से लाभ प्राप्त होगा।