एचआरटीसी के पेंशनर्स क्यों है सड़कों पर, कब सुनी जाएगी उनकी मांगे : जयराम ठाकुर
एचआरटीसी के पेंशनर्स क्यों है सड़कों पर, कब सुनी जाएगी उनकी मांगे : जयराम ठाकुर
पीएम धन धान्य और दलहन आत्मनिर्भरता मिशनकिसानों और देश की तस्वीर बदल देगा
देश के कृषि उत्पादन में सुधार के लिए मोदी सरकार करेगी 35000 करोड़ का खर्च
शिमला :शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार ने पूरे प्रदेश में व्यवस्थाओं को उलट पलट दिया है। आज प्रदेश का हर वर्ग या तो सड़कों पर है या फिर सड़कों पर आने की तैयारी में है। आज एचआरटीसी के पेंशनर्स सड़कों पर हैं और जब विपक्ष उनके हक की आवाज उठाता है तो जिम्मेदार लोग मुद्दे की बात करने के इधर उधर की बात करते हैं। पेंशनर्स एसोसिएशन के लोगों द्वारा कई बार सड़कों पर आकर अपना दुःख सुनाया जा चुका है और मांगे न मानने पर उनके द्वारा आगे बड़े आंदोलन की धमकी भी दी जा चुकी हैं। सिर्फ पेंशन ही नहीं उनके बाकी मुद्दे सुलझाने की आवश्यकता है। कल पेंशनर्स द्वारा बताया गया कि उनके मेडिकल बिल लंबित हैं। एरियर का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। बुढ़ापे में बीमारी की दवाई अगर उनका विभाग नहीं देगा तो कौन देगा। आए दिन परिवहन निगम नए नए प्रयोग करके चर्चा में रहता है। बड़े-बड़े बयान और भाषण दिए जाते हैं लेकिन हकीकत यह है कि जिन लोगों ने अपनी जिंदगी लगा दी परिवहन निगम के लिए वह पेंशनर्स आज सड़कों पर हैं और पेंशन और दवाई का पैसा मांग रहे हैं।
सरकार का प्रचार तंत्र आए दिन परिवहन विभाग के द्वारा सैकड़ों करोड़ कमाने का दावा करता है। बड़े-बड़े क्रांतिकारी फैसले लेने की बात करता है। लेकिन बसों और टैक्सियों के किराया बढ़ाने और सरकार के प्रवचन के अलावा प्रदेश के लोगों को कुछ हासिल नहीं हुआ। आपदा के बाड़े जो रूट बंद हैं वह बंद हैं। बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने, टायर फटने, एक्सेल खुलने, ब्रेक और स्टीयरिंग फैल होने की घटनाएं आम हैं। बदइंतजामी का आलम यह है कि बस हांफने की खबर हर दिन अखबार की सुर्खियां और सोशल मीडिया सरकार का साधन बनती है। प्रदेश के लोगों को सरकार प्रवचन की नहीं बेहतर प्रबंधन और बसों की आवश्यकता है। जिसे सरकार को उपलब्ध करवानी चाहिए।
किसानों और देश के लिए वरदान है पीएम धन धान्य और आत्म निर्भर दलहन अभियान जयराम ठाकुर नेलगभग 35 हजार करोड़ की लागत से दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और प्रधानमंत्री धन धान्य योजना शुरुआत करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए सभी देश वासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, ये सिर्फ दाल उत्पादन बढ़ाने का मिशन नहीं है, बल्कि हमारी भावी पीढ़ी को सशक्त बनाने का भी अभियान है। बीते 11 वर्षों से सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि किसान सशक्त हो, खेती पर ज्यादा निवेश हो। किसानों को इससे बेहतर बीज, भंडारण सुविधाएं और उपज की सुनिश्चित खरीद से सीधा लाभ मिलेगा।24000 करोड़ रुपये की पीएम धन धान्य कृषि योजना का उद्देश्य सिंचाई सुविधा बढ़ाना, फसल उत्पादकता को बढ़ावा देना और किसानों को ऋण प्रदान करना है। देश के 100 कम उत्पादकता वाले जिलों को इस योजना से लाभ मिलेगा। इसमें हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर को भी शामिल किया गया है। दिवाली से पहले पीएम की इस सौगात से दिवाली की खुशियां दुगुनी हो गई है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पीएम धन धान्य कृषि योजना के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक चयनित जिलों को राष्ट्रीय औसत तक लाया जाए। देशभर के जिन 100 आकांक्षी जिलों को इस योजना के लाभ के लिए शामिल किया गया है। उन्हें 11 मंत्रालयों की 36 से ज्यादा योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। लगभग है कि 1.7 करोड़ किसानों को धन धान्य कृषि योजना का लाभ मिलेगा। इससे योजना की व्यापकता और प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है।