लोकतंत्र से भाग रही कांग्रेस सरकार, पंचायत चुनाव टालना जनता का अपमान : रवि मेहता
लोकतंत्र से भाग रही कांग्रेस सरकार, पंचायत चुनाव टालना जनता का अपमान : रवि मेहता
कहा – हार के डर से कांग्रेस सरकार चुनाव स्थगित करने की रच रही साजिश, अधिकारियों को बनाया जा रहा मोहरा
शिमला : भारतीय जनता पार्टी के शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी रवि मेहता ने कांग्रेस सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार लोकतंत्र से भाग रही है। पंचायत और स्थानीय निकायों के चुनाव टालने का प्रयास कर सरकार जनता के अधिकारों का हनन कर रही है।
रवि मेहता ने कहा कि सरकार ने पंचायती राज विभाग के सचिव के माध्यम से जिला उपायुक्तों को पत्र लिखवाकर आपदा और प्रशासनिक व्यस्तता जैसे बहाने बनवाए हैं ताकि चुनावों को स्थगित करने का रास्ता तैयार किया जा सके। पहले स्थानीय निकायों के चुनावों के लिए आरक्षण रोस्टर तैयार कर अधिकारियों और प्रतिनिधियों को बुलाया जाता है, और कुछ ही देर बाद नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाता है कि चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। यह कांग्रेस सरकार की घबराहट और जनता के फैसले से डर को साफ दिखाता है।
उन्होंने कहा कि हर पांच वर्ष में पंचायत, निकाय, विधानसभा और लोकसभा चुनाव होना संविधान की अनिवार्य व्यवस्था है। लोकतंत्र की मजबूती इसी में है कि जनता को अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर समय पर मिले। लेकिन कांग्रेस सरकार जानबूझकर इस प्रक्रिया को रोकना चाहती है ताकि अपनी असफलताओं और झूठी गारंटियों से ध्यान भटकाया जा सके। तीन साल के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है। युवाओं को रोजगार नहीं मिला, कर्मचारियों को ठगा गया और महिलाओं की अपेक्षाएं पूरी नहीं हुईं। जनता अब कांग्रेस से जवाब मांग रही है, इसलिए यह सरकार चुनावों से भाग रही है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बहानों से नहीं, जनता के विश्वास से चलता है। यदि कांग्रेस सरकार को वास्तव में जनता पर भरोसा है, तो उसे तुरंत पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों की तारीखें घोषित करनी चाहिए। यदि सरकार ने चुनाव प्रक्रिया को जानबूझकर विलंबित किया, तो भाजपा जनता के साथ मिलकर सड़कों पर संघर्ष करेगी। भाजपा लोकतंत्र और पंचायत व्यवस्था की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी और जनता के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि पंचायतें लोकतंत्र की सबसे मज़बूत इकाई हैं। कांग्रेस सरकार का यह रवैया उन जड़ों पर प्रहार है जिनसे लोकतंत्र को ताकत मिलती है।