आपदा के समय प्रधानमंत्री हिमाचल आए पर कांग्रेस के झूठी गारंटी वाले भाई-बहन नहीं आए : श्रीकांत

कांग्रेस सरकार के समय टैक्स एक लूट का साधन था

शिमला : भाजपा प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने संजौली एवं कसुम्पटी ग्रामीण मंडल की संगठनात्मक बैठकों में मुख्यातिथि के रूप में भाग लिया। प्रदेश प्रभारी  शर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा के समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल आए और आपदा प्रभावितों के मिले, पर झूठी गारंटी देने वाले राष्ट्रीय स्तरीय कांग्रेसी भाई बहन नहीं आए। उन्होंने कहा यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री हिमाचल के प्रति कितने संवेदनशील है और वह हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते हैं।

उन्होंने कहा कि आपदा को लेकर केंद्र से अभी तक 5323 करोड़ रुपए हिमाचल के खाते में आ चुके हैं, 1500 करोड़ प्रधानमंत्री ने धर्मशाला से घोषित किए और 7 राज्य केंद्र मंत्री अपना दौरा कर अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंप चुके है, पर इस मौके पर हिमाचल प्रदेश में जहां-जहां आपदा आई वहां मुख्यमंत्री, मंत्री और मंत्री मित्र गायब रहे। कल बिलासपुर में भी एक दुखद हादसा हुआ पर मुख्यमंत्री वहां नहीं गए।

शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय टैक्स एक लूट का साधन था, इसलिए कांग्रेस पार्टी को जीएसटी को लेकर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। जबसे प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी देश में लागू किया तबसे टैक्स में लूट समाप्त हुई है। कांग्रेस को टॉफी से लेकर घरेलू सामान पर भी टैक्स लगाती और वो भी टैक्स पर टैक्स। श्रीकांत शर्मा ने जीएसटी से हिमाचल को लाभ की बात करते हुए कहा, हस्तशिल्प एवं कुटीर उद्योग की दृष्टि से वस्त्र उद्योग के अलावा, हिमाचल प्रदेश विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों का केंद्र है, और इन सभी को जीएसटी के युक्तिकरण से लाभ हुआ है। अधिकांश हस्तशिल्प वस्तुओं पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है; इसका राज्य भर के कारीगरों पर सीधा प्रभाव पड़ा है।

चंबा रुमाल कढ़ाई : चंबा रुमाल एक जीआई-टैग वाला, लघु हस्त-कढ़ाई वाला कपड़ा है, जिसे मुख्य रूप से चंबा जिले की महिला कारीगरों द्वारा बनाया जाता है। स्थानीय समूहों की सैकड़ों महिलाएं इसके उत्पादन में शामिल हैं। अब 5% जीएसटी होने से, खरीदारों के लिए लागत कम है, जिससे इन रुमालों की माँग बढ़ सकती है। कर में कटौती शिल्प के सांस्कृतिक मूल्यों की मान्यता और विरासत कला रूपों के प्रचार का भी प्रतीक है।

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