मंत्री जी पैसे जेब में नहीं आते, सरकार के खाते में आते हैं : राकेश जम्वाल
मंत्री जी पैसे जेब में नहीं आते, सरकार के खाते में आते हैं : राकेश जम्वाल
केंद्र से जो पैसा आया है उसकी पाई पाई का हिसाब भी देना पड़ेगा
2023 की आपदा से बर्बाद हुए इंफ्रास्ट्रक्चर पर एक पत्थर तक नहीं रखवा पाई सरकार
शिमला : सुंदर नगर से विधायक एवं भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राकेश जम्वाल ने राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के बेतुके बयान पर टिप्पणी करते हुए ने कहा कि कांग्रेस सरकार के नेता मंत्री अपनी जेबें टटोल कर कहते हैं कि केंद्र का पैसा नहीं आया। केंद्र का पैसा उनके जेबों में नहीं आएगा, सरकार की ट्रेजरी में आएगा। वह भी मनमाना लुटाने के लिए भी नहीं आएगा, विभिन्न कैटिगरी के खातों में जाएगा और उस पैसे को खर्च करके उसकी पाई पाई का हिसाब भी देना पड़ेगा। आपदा प्रभावितों के लिए भेजा गया पैसा न तो कांग्रेस सरकार के नेताओं की जेब भरेगा और न ही उनके चहेतों की। मंत्री जी यह बात बहुत कायदे से जान लें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजा गया पैसा सरकार चलाने के भी काम नहीं आएगा। उस पैसे की पाई–पाई आपदा प्रभावितों के जख्मों पर मरहम लगाने के ही काम आएगी। उनका घर बनाने के ही काम आएगी। आपदा द्वारा छीन ली गई सुविधाओं को बहाल करने के ही काम आएगी। इसलिए केंद्र जो भी धनराशि आपदा प्रभावितों के लिए भेज चुकी है और जो धनराशि आगे भेजेगी सरकार उसके समुचित इस्तेमाल की कार्य योजना बनाए और उसे क्रियान्वित करें। कितनी हैरानी की बात है कि 2023 की आपदा से तबाह हुए इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार अलग से एक पत्थर तक नहीं रखवा पाई है।
केंद्र सरकार द्वारा सुख की सरकार बनने के बाद से आपदा राहत के नाम पर ही 5500 करोड़ रुपए से अधिक की नकद आर्थिक सहायता कर चुकी है। उस धनराशि से कितना पैसा आपदा प्रवाहितों को मिला है? आपदा प्रभावितों का पैसा कहां खर्च हुआ है? उस पैसे पर कौन कुंडली मारकर बैठा है? पैसा अब तक लोगों तक क्यों नहीं पहुंच पाया है? इसका जवाब इसी सरकार को देना है। राजस्व मंत्री जो कि आपदा राहत जैसे विषयों के भी मंत्री होते हैं इसलिए जगत नेगी की जिम्मेदारी और भी बनती है कि अनर्गल बयानबाजी के बजाय केंद्र के पैसे का हिसाब भी जनता के सामने रखें। इसी सरकार ने विधानसभा में बताया है कि केंद्र द्वारा आपदा राहत के नाम पर विभिन्न प्रावधानों के तहत लगभग 5500 करोड़ रुपए की राहत राशि हिमाचल प्रदेश को स्वीकृत कर चुका है और सरकार द्वारा लगभग 350 करोड़ रुपए ही आपदा प्रभावितों को वितरित किए गए हैं?
राकेश जम्वाल ने कहा कि सरकार के आंकड़ों से ही साफ है कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए धनराशि का 15 वां हिस्सा भी प्रभावितों तक नहीं पहुंच पाया है। बाकी पैसा कहां गया? उक्त धनराशि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1500 करोड रुपए की आर्थिक सहायता के अतिरिक्त है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 93000 घरों के धनराशि भी अलग से दी गई है। क्या सुख की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का 85 और 15 पैसे वाला फार्मूला भी तो हिमाचल में लागू तो नहीं करना चाहती। मैं सरकार को बताना चाहता हूं कि गरीबों के हक पर कोई भी पंजा नहीं मार पाएगा।