उत्पाद पूरी तरह से प्राकृतिक, रसायन-मुक्त, और स्वास्थ्यवर्धक हैं, जो पर्यावरण-अनुकूल खेती और विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं
लाहुल स्पीति : उपायुक्त लाहुल स्पीति किरण भड़ाना ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसके तहत, प्राकृतिक खेती के माध्यम से उत्पादित गेहूं से तैयार उच्च गुणवत्ता वाले आटे और दलिया को ‘हिम भोग चक्की आटा’ और ‘हिम दलिया’ ब्रांड नाम से उपभोक्ताओं के लिए बाजार में उपलब्ध कराया गया है। ये उत्पाद पूरी तरह से प्राकृतिक, रसायन-मुक्त, और स्वास्थ्यवर्धक हैं, जो पर्यावरण-अनुकूल खेती और विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
आत्मा परियोजना निदेशक, जिला लाहौल-स्पीति, डॉ. अनुप कतना ने बताया कि इन उत्पादों को आज एक उपायुक्त लाहौल-स्पीति, किरण भड़ाना, और जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को औपचारिक रूप से भेंट किया गया। इस अवसर पर उत्पादों की गुणवत्ता और प्राकृतिक खेती के महत्व पर विस्तृत चर्चा की गई।
उपायुक्त किरण भड़ाना ने इस पहल की सराहना करते हुए सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से इन उत्पादों को खरीदने और उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “ये उत्पाद न केवल अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता के लिए जाने जाएंगे, बल्कि ये किसानों की मेहनत और प्राकृतिक खेती के प्रति उनके समर्पण का भी प्रतीक हैं। इनका उपयोग न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।”
उन्होंने आगे आम जनता से अपील की कि वे ‘हिम भोग चक्की आटा’ और ‘हिम दलिया’ को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें और इन उत्पादों को प्रचारित करें ताकि अधिक से अधिक लोग प्राकृतिक खेती के लाभों से अवगत हो सकें। उपायुक्त ने यह भी जोड़ा कि इस तरह की पहल जमीनी स्तर पर किसानों की आय में वृद्धि करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगी।
यह पहल किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो प्राकृतिक खेती को अपनाकर न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं, बल्कि उपभोक्ताओं को स्वच्छ और पौष्टिक खाद्य पदार्थ भी उपलब्ध करा रहे हैं।