पर्यटन और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए आतिथ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्ट-अप योजना को मंजूरी
पर्यटन और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए आतिथ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्ट-अप योजना को मंजूरी
होम-स्टे की स्थापना के लिए तीन से पांच प्रतिशत ब्याज पर सब्सिडी का प्रावधान
शिमला: राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से आतिथ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्ट-अप योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत नई पर्यटन इकाइयां स्थापित करने और मौजूदा होम-स्टे इकाइयों का विस्तार और स्तरोन्नत करने के लिए ऋण पर वित्तीय राहत दी जाएगी। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि योजना के अंतर्गत ऋण पर शहरी क्षेत्रों में तीन प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्रों में चार प्रतिशत और जनजातीय क्षेत्रों में पांच प्रतिशत तक ब्याज उपदान (सब्सिडी) मिलेगी। यह सुविधा अधिकतम तीन वर्षों की अवधि के लिए और दो करोड़ रुपये तक के ऋण पर उपलब्ध होगी। यह योजना केवल बोनाफाइड हिमाचलियों के लिए है। उन्होंने बताया कि होम-स्टे पर्यटकों के लिए महंगे होटलों के स्थान पर किफायती विकल्प है। यह पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर उन्हें लंबी अवधि तक ग्रामीण क्षेत्रों में रुकने के लिए आकर्षित करते हैं। यह योजना सांस्कृतिक रूप से समृद्ध ग्रामीण क्षेत्रों के पर्यटन को बढ़ावा देने, स्वरोजगार सृजित करने और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि होम-स्टे स्थानीय परंपराओं, व्यंजनों और रीति-रिवाजों से सीधे जुड़ने का अवसर देते हैं। किफायती ठहराव बजट यात्रियों, बैकपैकरों और छात्रों के लिए पर्यटन स्थलों को सुलभ बनाता है और स्थानीय समुदायों को प्रत्यक्ष लाभ देता है। योजना न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि होमस्टे उद्योग को औपचारिक रूप देने, स्टार्टअप्स के माध्यम से गुणवत्ता मानकों में सुधार करने में भी सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश अपने स्वच्छ पर्यावरण, नदियों, जंगलों, पवित्र स्थलों और सुरम्य घाटियों के कारण पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षक रहा है। पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (इकोनोमिक सर्वे 2024-25) में 7.78 प्रतिशत योगदान देता है। यह योजना सरकार की पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए सतत पर्यटन और निजी उद्यमियों को पर्यटन अवसंरचना विकसित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।