केन्द्रीय रक्षा मंत्री से उप-मुख्य सचेत ने किया शाहपुर में शहीद स्मारक स्वीकृत करने का आग्रह

शिमला: उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठाानिया ने वीरवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भेंट कर राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को विशेषकर कांगड़ा जिले के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से संबंधित विषयों से अवगत करवाया। उन्होंने इस क्षेत्र में शहीद समारक को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया क्योंकि इस क्षेत्र से बड़ी संख्या में सेवारत एवं पूर्व सैनिक संबंध रखते हैं।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि शाहपुर के सुबेदार पवन सिंह जरियाल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद होने वाले क्षेत्र के पहले सैनिक थे। उनकी शहादत की स्मृति में शाहपुर में शहीद समारक बनाने का आग्रह किया। प्रदेश सरकार ने इसके लिए पहले ही क्षेत्र में भूमि चिन्हित व आबटित कर दी है और रक्षा मंत्रालय से स्वीकृति मिलने पर शीघ्र समारक का निर्माण हो पाएगा।
उप-मुख्य सचेतक ने क्षेत्र में पूर्व सैनिकों को बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करने पर बल देते हुए कहा कि शाहपुर में पूर्व सैनिक योगदान स्वास्थ्य योजना (इसीएचएस) कार्यालय राज्य सरकार के अस्पताल भवन में चल रहा है लेकिन यहां इस कार्यालय के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। प्रदेश सरकार ने पहले ही 00-24-00 हैक्टेयर भूमि भारत सरकार को हस्तातंरित कर दी है ताकि शाहपुर में टाइप-सी इसीएचएस पॉलिक्लिीनिक, एक सीएसडी कैनटीन और एक सैनिक विश्राम गृह का निर्माण किया जा सके। उन्होंने कहा कि अब तक इन परियोजनाओं के लिए रक्षा मंत्रालय से वित्तीय स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है।
श्री पठाानिया ने शाहपुर में 5.91 एकड़ भूमि का मुद्दा भी उठाया जो केंद्र सरकार की है लेकिन वर्तमान में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के पास है। यह मैदान स्थानीय विद्यालयों और नगर की गतिविधियों के लिए एकमात्र उपलब्ध स्थान है, लेकिन स्वामित्व और कब्जे को लेकर विवाद होने के कारण इसका उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय की नीति के अन्तर्गत इस भूमि के विनियमन का प्रस्ताव प्रस्तुत कर शीघ्र समाधान का आग्रह किया है।
उन्होंने रक्षा मंत्री से संबंधित अधिकारियों को इन लंबित परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया ताकि शाहपुर क्षेत्र के पूर्व सैनिकों और स्थानीय लोगों को लाभान्वित किया जा सके।
रक्षा मंत्री ने राज्य की सभी उचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और प्रदेश को हर संभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
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