जिला कांगड़ा में मानसून से अब तक 53,917.475 लाख का नुकसान – उपायुक्त

*कहा…. प्रभावित परिवारों प्रदान की जा रही है हर संभव मदद*

*जिला आपदा नियंत्रण कक्ष चैबीसों घंटे सक्रिय, नागरिक टोल-फ्री हेल्पलाइन 1077 पर कर सकते हैं संपर्क*

धर्मशाला: उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि मानसून सीजन के दौरान 20 जून 2025 से 04 सितम्बर 2025 तक जिला कांगड़ा में वर्षा जनित घटनाओं से भारी क्षति हुई है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार अब तक जिला में कुल 53,917.475 लाख रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है।

*मानव जीवन और पशुधन की हानि*

इस अवधि में 50 लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि 171 पशुधन (गाय-बैल आदि) की जानें गईं हैं। यह जनहानि जिला के लिए अत्यंत दुखद है और प्रशासन प्रभावित परिवारों को समुचित सहायता प्रदान करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।

*आवासीय भवनों को क्षति*

इस दौरान जिला में 110 कच्चे मकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे प्रभावित परिवारों को बेघर होना पड़ा, इसके साथ ही 819 कच्चे मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 15 पक्के मकान पूरी तरह से और 70 पक्के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 1051 गौशालाएं, 50 लेबर शेड, रसोई, बाथरूम, डंगा तथा 28 दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं।

*विभागवार क्षति का विवरण*

उन्होंने बताया कि मानसून के दौरान विभिन्न विभागों को भी भारी नुकसान हुआ है। जलशक्ति विभाग को लगभग 21,837.47 लाख रुपये का नुकसान हुआ है जबकि लोक निर्माण विभाग को लगभग 28,647.07 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा बिजली बोर्ड को 403.295 लाख रुपये और कृषि क्षेत्र को 188.83 लाख रुपये तथा बागवानी क्षेत्र को 2.91 लाख रुपये की हानि हुई है। इसके अलावा धर्मशाला नगर निगम क्षेत्र में विशेष रूप से 590.27 लाख रुपये का नुकसान दर्ज किया गया जबकि ग्रामीण विकास विभाग को 956.15 लाख रुपये तथा स्वास्थ्य विभाग को 280.77 लाख रुपये की क्षति का सामना करना पड़ा है।

*राहत एवं पुनर्वास कार्य*उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि जिला प्रशासन ने राहत एवं पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता दी है। प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद की जा रही है। साथ ही, क्षति का पूर्ण मूल्यांकन कर प्रभावित लोगों को सरकारी प्रावधानों के तहत आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभागों को नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि समयबद्ध तरीके से पुनर्निर्माण कार्य आरंभ किया जा सके। उपायुक्त ने जनता से अपील की कि वे वर्षा ऋतु में सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचित करें। जिला आपदा नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे सक्रिय है और नागरिक टोल-फ्री हेल्पलाइन 1077 पर संपर्क कर सकते हैं।

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