हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र: विस अध्यक्ष ने किया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव नोटिस को खारिज; सुधीर शर्मा बोले- दोबारा से प्रिविलेज प्रमोशन को लाया जाएगा
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र: विस अध्यक्ष ने किया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव नोटिस को खारिज; सुधीर शर्मा बोले- दोबारा से प्रिविलेज प्रमोशन को लाया जाएगा
सुधीर शर्मा बोले- कोई व्यक्तिगत मामला नहीं, बल्कि प्रदेश के बेरोजगारों से जुड़ा हुआ मामला
हिमाचल : प्रदेश विधानसभा में भाजपा विधायक सुधीर शर्मा के विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव नोटिस को खारिज कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि उन्हें केवल DO नोट के माध्यम से सुधीर शर्मा का पत्र प्राप्त हुआ, यह नोटिस नहीं है। विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने के लिए नियमों का जिक्र करते हुए नोटिस दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
पठानिया ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि यह सदन की अवमानना है और इसलिए वह इसे पूरी तरह से खारिज करते हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि सदस्य विधानसभा में जनहित के मुद्दे उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। इस मंच का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं कर सकते। हल्के मूड में कुछ भी कहा जा सकता है, लेकिन सदन नियमों का हवाला दिए बिना मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं दे सकता है।
वहीं भाजपा के धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा ने अब एक बार फिर नियमों के तहत विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का यह अधिकार है कि वह प्रिविलेज को खारिज करें या प्रिविलेज कमेटी को भेजें, उन्होंने नियमों की बात की है तो अब दोबारा से नियमों के तहत प्रिविलेज प्रमोशन को लाया जाएगा, ये गंभीर मामला है। सदन के अंदर झूठ बोलना झूठे आंकड़े देना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कोई व्यक्तिगत मामला नहीं, बल्कि प्रदेश के बेरोजगारों से जुड़ा हुआ मामला है और जिस तरह से विधानसभा के अंदर ऐच्छिक ग्रांट एक लाख करने की बात मुख्यमंत्री ने की थी, लेकिन मिली नहीं। जबकि सदन के अंदर ये बातें मुख्यमंत्री ने की है, मुख्यमंत्री के पद की गरिमा है और उसका उन्हें ख्याल रखना चाहिए। सुधीर शर्मा ने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर ऐसी ही स्थिति रहती है तो विधानसभा में सत्र एवं प्रश्न कल का क्या औचित्य है। ऐसे प्रश्न काल के दौरान सवाल पूछने से अच्छा है कि आरटीआई के माध्यम से ही हम सूचना ले।