हिमाचल: प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से जगह-जगह भूस्खलन, बाढ़ और पेड़ गिरने की घटनाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही हुई। कई पुल बह गए, घर और वाहन क्षतिग्रस्त हुए तथा कई गांव खाली करवाने पड़े। बीते 24 घंटों में बारिश जनित हादसों में छह लोगों की मौत हुई है। इनमें चंबा में मणिमहेश यात्रा के दौरान एक श्रद्धालु, शिमला जिले के रामपुर में पत्थर लगने से युवती, सोलन, कांगड़ा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में एक-एक मौत शामिल है। इसी अवधि में 103 घर क्षतिग्रस्त हुए, 47 दुकानें और 70 पशुशालाएं ढह गईं।
रामपुर में बादल फटने से चार पुल, दो मकान, पांच दुकानें और सात शेड बह गए। गानवी क्षेत्र में एचआरटीसी की बस व एम्बुलेंस फंस गईं और तीन पंचायतों का संपर्क कट गया। कोटखाई में भूस्खलन से 5–7 गाड़ियां मलबे में दब गईं और एनएच-05 कई जगह अवरुद्ध हो गया। चौपाल के देहा करगोली नाले में बाढ़ से सेब से लदी गाड़ियां फंस गईं। कुल्लू की बंजार घाटी के बठाहड़ क्षेत्र में बादल फटने से कई घर और कॉटेज ढह गए, पुल टूट गए और पांच गाड़ियां बह गईं। निरमंड उपमंडल में कुरपन खड्ड उफान पर आने से बाजार खाली करवाना पड़ा।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार दो राष्ट्रीय उच्च मार्ग और 470 सड़कें बंद हो गई हैं। कुल्लु और लाहौल स्पीति में एक-एक नेशनल हाइवे बंद रहे। मंडी में 162, शिमला में 99, कुल्लू में 73, सिरमौर में 66 और कांगड़ा में 26 सड़कें बाधित रहीं।
प्रदेश में 721 ट्रांसफार्मर ठप हुए हैं, जिनमें सिरमौर के 187, ऊना के 162, लाहौल-स्पीति के 150, सोलन के 114 और कुल्लू के 30 शामिल हैं। 192 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुईं।