स्मार्ट सिटी शिमला में विकास कार्य जल्द होंगे शुरू

स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में टॉप-300 शहरों की सूची से बाहर हुआ शिमला

शिमला: केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 की रैंकिंग में पिछले साल देश में 188वें रैंक पर रहने वाला शिमला इस बार टॉप 300 स्वच्छ शहरों की सूची से भी बाहर हो गया है। कुल 824 स्वच्छ शहरों की सूची में शिमला को 347 वां रैंक मिला है। यह अब तक की सबसे कम रैंकिंग है। यही नहीं, 2015 से अब तक हिमाचल का नंबर वन स्वच्छ शहर रहने वाला शिमला इस बार प्रदेश में भी तीसरे नंबर पर खिसक गया है। प्रदेश में जिला शिमला का ठियोग स्वच्छता के मामले में अब पहले नंबर पर आ गया है। इसके अलावा सर्वेक्षण में हमीरपुर जिले के नादौन को दूसरा और शिमला सिटी को तीसरा रैंक मिला है। 20 हजार से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में ठियोग घरों से कूड़ा उठाने के साथ कचरा प्रबंधन में भी आगे रहा। ठियोग से निकलने वाले कचरे का निपटारा शिमला नगर निगम ही अपने भरयाल कूड़ा संयंत्र में करता है।

स्वच्छता की रैंकिंग में कांगड़ा के पालमपुर नगर निगम को चौथा, शिमला की सुन्नी नगर पंचायत को 5वां, नारकंडा को छठा और रामपुर को सातवां स्थान मिला है। इसके अलावा धर्मशाला को आठवां, सोलन को नौवां और सुबाथू कैंट को स्टेट रैंकिंग में 10वां स्थान मिला है। वीरवार को जारी किए गए केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे में शिमला शहर के रिहायशी कालोनियों और बाजारों में सफाई व्यवस्था का स्तर तो सुधरा है, लेकिन घरों से कूड़ा उठाने, गीला-सूखा कचरा अलग रखने, कचरे का निपटान करने, पेयजल स्रोतों की सफाई आदि की श्रेणी में शहर पीछे रह गया। कुल 7500 अंकों में से शिमला शहर को 4798 अंक मिले हैं।

 उधर, नगर निगम का दावा है कि सर्वे गलत हुआ है। इसे चुनौती दी जाएगी।

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