हिमाचल : प्रदेश में मौसम ने बरपाया कहर…

  हिमाचल : प्रदेश में सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक मूसलाधार बारिश कहर बनकर बरसी। मंडी जिले के गोहर, करसोग व धर्मपुर क्षेत्र बादल फटने से अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। 16 अभी तक लापता बताए जा रहे हैं। 117 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। बादल फटने से 18 घर, 12 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हैं। 30 मवेशियों की मौत हो गई।  प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव चलाया जा रहा है।

वहीं आज मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र‌ सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बीते 24 घंटों के दौरान बादल फटने की लगभग 10 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनसे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। सबसे अधिक असर मंडी जिले में देखा गया है, जहां निजी और सार्वजनिक संपत्तियों को गंभीर क्षति पहुँची है। दुर्भाग्यवश, हमने चार अनमोल जीवन भी खो दिए हैं।

उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में हमारे सुरक्षा बलों ने बेहतरीन कार्य करते हुए 287 फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित निकाला है। राहत एवं बचाव कार्यों को और अधिक तेज़ी और समन्वय के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लगातार सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क में हैं और उन्हें आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता तुरंत उपलब्ध करवाई जा सके।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस आपदा से प्रभावित सभी परिवारों के साथ पूरी मजबूती और संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। सभी लोगों से अनुरोध है कि सतर्क रहें, अफवाहों से बचें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। हम मिलकर इस चुनौती का सामना करेंगे।

 मुख्यमंत्री सुक्खू ने कांगड़ा ज़िला में ब्यास नदी में बढ़ते जलस्तर की स्थिति का भी आज जायज़ा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार बारिश के चलते जलस्तर में तेज़ बढ़ोतरी हो रही है, जिससे कुछ क्षेत्रों में गंभीर परिस्थितियाँ बनी हुई हैं।

मुख्यमंत्री ने कांगड़ा ज़िला के भड़ोली क्षेत्र में नदी पर बने पुल और आसपास के इलाक़ों की स्थिति की जानकारी ली और ज़िला प्रशासन से फीडबैक प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि ज़रूरी निर्देश भी दिए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ज़िला प्रशासनों के निरन्तर संपर्क में हैं और हालात पर नज़र बनाए हुए हैं।

 मुख्यमंत्री सुक्खू  ने कहा कि पिछली रात हुई मूसलधार बारिश ने प्रदेश के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई है। मंडी सहित अनेक क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ब्यास नदी उफ़ान पर है और दुर्भाग्यवश इस आपदा में अब तक 8 लोगों की जान चली गई है। मेरे अपने विधानसभा क्षेत्र नादौन में भी एक दुखद मृत्यु की सूचना है। मैं उन सभी परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार यह आपदा प्रदेश को 500 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति पहुँचा चुकी है। राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। प्रशासन, आपदा प्रबंधन दल और स्थानीय अधिकारी दिन-रात स्थिति को सामान्य करने के प्रयास में जुटे हैं। मैं स्वयं सभी संबंधित विभागों से निरंतर संपर्क में हूँ और हर ज़रूरी कार्रवाई सुनिश्चित कर रहा हूँ।

उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि ख़राब मौसम को देखते हुए पूरी सावधानी बरतें और प्रशासन की एडवायज़री का पालन करें। प्रदेशवासियों की सुरक्षा ही हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

राहत एवं बचाव अभियान चला कर 30 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित बचाया

करसोग के सरकाेल में हुई बादल फटने की घटना में एसडीडीएमए की ओर से चलाए गए राहत एवं बचाव अभियान में 30 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित बचाया गया।

एसडीडीएमए के अध्यक्ष एवं एसडीएम करसोग गौरव महाजन ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही उपमंडल प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम ने रात्रि के लगभग 12 बजे ही राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया।

रेस्क्यू अभियान में प्रशासन ने विभिन्न स्थानों से 30 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है।

आपदा प्रबंधन टीम ने करसोग के कुट्टी गांव से बादल फटने से आईं बाढ़ में फंसे 7 लोगों को, रिकी गांव में भी 7 लोगों को और करसोग ममेल में 16 लोगों को सुरक्षित निकला है। जिनमें 12 विद्यार्थी और 4 महिलाए शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि घटना में एक व्यक्ति की दुखद मृत्यु भी हुई है जबकि 4 लोग अभी लापता हैं जिन्हें ढूंढने के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम विभिन्न स्थानों पर सर्च अभियान चलाए हुए है।

एसडीएम करसोग गौरव महाजन ने बताया कि बादल फटने की घटना में प्रारंभिक जानकारी के अनुसार विभिन्न विभागों का लगभग 20 से 25 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ हैं। राजस्व विभाग की टीमें नुकसान का वास्तविक आंकलन कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि बादल फटने से रिहायशी, मकानों, गौ शालाओं और लोगों की जमीनों का भारी नुकसान हुआ हैं।

घटना में देवराज निवासी बाग सलाना की गौशाला क्षतिग्रस्त हुई है जिसमें एक गाय और एक बछड़ा, हरि सिंह की एक गाय और एक अन्य परिवार की 8 बकरियां और एक गाय बाढ़ के तेज बहाव में बह गई है। जबकि सरकाेल गांव के जोगिंद्र पाल, कामेश्वर सिंह व इनकी माता के दो मकान, एक दुकान, एक पोल्ट्री फार्म, श्याम सिंह का खाने का ढाबा दुकान, रति राम निवासी सनारली चेन कूपी की दुकान का सामान और जय सिंह मैकेनिक की दुकान का बादल फटने की घटना में पूरी तरह नामों निशान मिट गया हैं।

वहीं सनारली निवासी सुंदर लाल, बुद्धि सिंह, सूरत राम और सुंदर लाल के मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन्हें प्रशासन की ओर से एसडीएम करसोग गौरव महाजन ने तिरपाल व कंबल वितरित किए हैं।

बादल फटने के कारण अलग अलग स्थानों की ओर आई बाढ़ में लगभग एक दर्जन गाड़िया भी पानी के तेज बहाव में बह गई है जबकि दर्जनों गाड़ियों, मोटर साइकिल और स्कूटी इत्यादि को भी नुकसान पहुंचा हैं।

प्रशासन की ओर से मृतक जीत राम, निवासी सनारली के परिजनों को 25 हजार रुपए की फौरी राहत प्रदान की गई हैं।

उन्होंने बताया कि प्रभावितों को हर संभव मदद उपलब्ध करवाई जा रही है।

एस डी एम ने बताया कि राहत एवं बचाव अभियान में तहसीलदार करसोग डॉ वरुण गुलाटी, आपदा प्रबंधन जिला कॉर्डिनेटर अमरजीत सिंह, नायब तहसीलदार शांता शुक्ला, सहित आपदा प्रबंधन टीम के अनेक सदस्य उपस्थित थे।

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