हिमाचल की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना घुमारवीं में होगी; डिजिटल लर्निंग, इनोवेशन, स्किलिंग और रोजगार में मिलेगा युवाओं को लाभ

बिलासपुर: प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा को डिजिटल युग की आवश्यकताओं से जोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए हिमाचल प्रदेश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप, स्किल एंड वोकेशनल स्टडीज की स्थापना करने जा रही है। यह यूनिवर्सिटी जिला बिलासपुर के घुमारवीं उपमंडल में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड तथा सेल्फ फाइनांसिंग मॉडल पर स्थापित की जाएगी।

इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह यूनिवर्सिटी विचार, विमर्श और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देगी और युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इसके लिए इनोवेशन फंड स्थापित करने का भी निर्णय लिया है।

डिजिटल शिक्षा में नई क्रांति की शुरुआत

मुख्यमंत्री ने कहा कि घुमारवीं में बनने वाली यह यूनिवर्सिटी हिमाचल की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी होगी, जो प्रदेश के युवाओं को तकनीकी, डिजिटल और रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करेगी। इसमें डिजिटल टूल्स के माध्यम से ऑनलाइन, सत्रीय और ऑन-डिमांड कोर्सेज, शॉर्ट टर्म डिप्लोमा व वर्कशॉप्स, तथा इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड प्रोग्राम्स संचालित किए जाएंगे।

150 बीघा भूमि चयनित, डीपीआर निर्माण की प्रक्रिया शुरू

तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बताया कि यूनिवर्सिटी के लिए घुमारवीं में लगभग 150 बीघा भूमि का चयन किया गया है। उपमंडलीय प्रशासन को इस बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया के बाद यूनिवर्सिटी की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी और निर्माण कार्य चरणबद्ध ढंग से आरंभ किया जाएगा।

गुरुकुल मॉडल से लेकर एडवांस डिजिटल इकोसिस्टम तक

यूनिवर्सिटी को ऐसा स्वरूप दिया जाएगा जिसमें गुरुकुल शैली के साथ-साथ अत्याधुनिक ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे डिजिटल माध्यमों के माध्यम से छात्र शिक्षा ग्रहण कर सकें। यह यूनिवर्सिटी छात्रों को डिजिटल युग की नई-नई तकनीकी स्किल्स से लैस करेगी और रोजगार व स्वरोजगार के अवसरों को भी बढ़ाएगी।

प्रदेश को मिलेगा एजुकेशन एंड इनोवेशन हब का दर्जा

यह संस्थान हिमाचल प्रदेश को डिजिटल और नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों से प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायता मिलेगी।

नवाचार को मिलेगी नई दिशा

राज्य सरकार की योजना डिजिटल यूनिवर्सिटी के ज़रिये विद्यार्थियों के नवाचार, उद्यमिता, कौशल विकास और तकनीकी दक्षता को बढ़ावा देने की है। यूनिवर्सिटी की स्थापना के बाद प्रदेश में स्टार्टअप और इनोवेशन की एक नई लहर उत्पन्न होगी जो हिमाचल की सामाजिक और आर्थिक तरक्की में अहम भूमिका निभाएगी।

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