कश्मीर पर हमला- जब चीख पुकार से दहल उठी पहलगाम की धरती ..
कश्मीर पर हमला- जब चीख पुकार से दहल उठी पहलगाम की धरती ..
बेगुनाहों पर गोलियां बरसा कर क्या हासिल कर लिया। मां, बेटी, बेटे, बहन, पिता, भाई हर मरने वाले के अपनों की बददुआ तुम्हें कहीं का न छोड़ेगी। नाम पूछकर, धर्म पूछकर गोलियां चलाई गईं। शर्मनाक… इंसानियत के दुश्मन बन बैठे हैं जो लोग, उन्हें इसकी सजा तो मिलेगी। बेगुनाहों के खून बहाना कौन सी बहादुरी है? ये आतंकी साजिश किसकी थी ये सब जानते हैं, परिजनों के सामने परिजनों को मार दिया गया। घटनास्थल पर मौजूद मासूम बच्चे, महिलाएं व अन्य परिजन सब खौफ के साए में अपनों को खोने के गम से इस कदर घबरा उठे कि घंटों अपने होश खो बैठे। आसूं रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। क्या, क्यों हो रहा है, समझ से परे था। बेगुनाह लोग परिवार के साथ छुट्टी मनाने के लिए कश्मीर गए थे ताकि मीठी यादें संजोकर साथ ला सकें। रूह कंपा देने वाली कड़वी याद बार-बार मन को झकझोर रही हैं। दिल को चीर रही हैं।
2019 के पुलवामा अटैक के बाद ये सबसे बड़ा आतंकी हमला है। दावा किया जा रहा है कि नाम और धर्म पूछकर गोलियां बरसाई गई। पहलगाम में लगातार पर्यटकों पर गोलियां बरसाई गईं। चीख पुकार से पहलगाम की धरती दहल उठी। मृतकों के परिजन सदमे में हैं। आसूं थम नहीं रहे, आंखों देखी पर भी विश्वास करने को मन नहीं हो रहा। परिजनों का कहना है ऐसा लग रहा जैसे भयानक सपना देखा हो,और शायद कुछ देर में सब ठीक हो जाए। लेकिन हकीकत पर विश्वास करने भर की सोच से ही दिल कांप उठता है।
एक भयावह दिल को दहला देने वाले आतंकी हमले ने 27 पर्यटकों की जिंदगियां छीन लीं, जिनमें तीन नवविवाहित जोड़े भी शामिल थे। करनाल के विनय नरवाल, कानपुर के शुभम द्विवेदी और छत्तीसगढ़ के दिनेश मिरानिया। ये जोड़े अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करने अपने जीवन के खूबसूरत पलों को संजोने कश्मीर पहुंचे थे, लेकिन आतंकियों की गोलियों ने उनके सपनों को तहस नहस करके रख दिया।
ये आंतकी हमला उन परिवारों के लिए जिन्होंने अपनों को खोया है एक ऐसा जख्म है, जो कभी भी नहीं भरेगा। लेकिन इन परिवारों के साथ- साथ पूरे देश को इस दिल दहला देने वाली घटना ने हिला कर रख दिया है। देश में हर तरफ लोग सरकार से आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग मांग कर रहे हैं कि आतंकियों को उन्हीं की भाषा में कड़ा जबाव देने का वक्त आ गया है। हिंदू मुस्लिम का भेद खत्म होना जरूरी है। हम हिंदुस्तान में रह रहे हैं हम सब हिंदू हैं। बाहर से किसी भी घुसपैठिए को कोई मदद नहीं मिलनी चाहिए।
लोगों का कहना है कि सबसे पहले घुसपैठियों को पनाह देने वाले बख्शे नहीं जाने चाहिए। बेगुनाह लोगों पर गोलियों की बौछार की गई। कौन सा धर्म कौन सा मजहब ये सब सिखाता है। ऐसे कायर लोगों के हाथ कांपते क्यों नहीं।
जांच एजेंसियों ने चश्मदीदों से पूछताछ के बाद आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं। वहीं देश भर में इस नरसंहार घटना की कड़ी निंदा की जा रही है। वहीं देशभर में जम्मू- कश्मीर, श्रीनगर, बिहार, पटना और कई जगहों पर लोगों ने सड़कों में उतर कर प्रदर्शन किया।
आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई और 17 घायल हो गए। बताया जा रहा है कि टूरिस्ट को निशाना बनाकर आतंकी जम्मू-कश्मीर में सैलानियों के प्रवेश को रोकना चाहते हैं।
आतंकी हमले के बाद सरकार एक्शन में है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज पहलगाम में घटनास्थल का जायजा लिया। वहीं प्रधनमंत्री मोदी भी सऊदी अरब की यात्रा से भारत लौट आए हैं। एयरपोर्ट पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाईलेवल की बैठक की। गृह मंत्री अमित शाह पहलगाम पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मिले उन्हें धीरज बंधाया। आज शाम CCS की बैठक भी होने जा रही है। अमित शाह ने आतंकी वारदात को लेकर कहा कि इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देंगे।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बुधवार को बताया कि श्रीनगर एयरपोर्ट से महज छह घंटे में कुल 3,337 यात्रियों को बाहर निकाला गया है। उन्होंने कहा, “हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि श्रीनगर में फंसे पर्यटकों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित हो। सभी एयरलाइन कंपनियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे किराए में कोई बढ़ोतरी न करें। किराए की निगरानी की जा रही है और इसे उचित स्तर पर रखा गया है।
फंसे हुए पर्यटकों की वापसी के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने चार अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था की – दो दिल्ली और दो मुंबई के लिए। इसके बाद बुधवार को तीन और उड़ानों को दिल्ली के लिए जोड़ा गया।
श्रीनगर से उड़ान भरने वाली सभी एयरलाइनों ने टिकट रद्द करने या समय बदलने पर कोई शुल्क नहीं लेने का निर्णय लिया है। मंत्री नायडू ने कहा, “यह समय एकजुटता का है। हम हर नागरिक के साथ खड़े हैं और हर संभव सहायता सुनिश्चित करेंगे।