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हिमाचल: प्रदेश विधानसभा बजट सत्र का दूसरा दिन…

हिमाचल: प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व मंत्री दिवंगत किशन कपूर को श्रद्धांजलि देते हुए शोकोद्गार पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व मंत्री किशन कपूर का बीते दिनों निधन होने के चलते सदन में शोकोद्गार प्रस्ताव रखा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह वर्ष 1991 में राज्यसभा के लिए चुने गए और वे 1991 से 1996 तक तत्कालीन कांग्रेस सरकार में देश के वित्त मंत्री रहे और उन्होंने देश को आर्थिक संकट से उभारने और आर्थिक सुधारों की मजबूत नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे 1998 से 2004 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे। इसके बाद वह 22 मई 2004 को देश के प्रधानमंत्री बने और फिर वह 22 मई 2009 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने और 2014 तक इस पद पर रहे। इस दौरान उन्होंने कई क्रांतिकारी फैसले लिए। उन्होंने देश में सूचना का अधिकार अधिनियम, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, आधार की शुरूआत, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण तथा 72 लाख किसानों की ऐतिहासिक ऋण माफी योजना को लागू किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डा. मनमोहन सिंह की दूरगामी सोच और सहयोग के कारण हिमाचल प्रदेश में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं सफलतापूर्वक कार्यान्वित हुई है। अटल सुरंग, तीन चिकित्सा महाविद्यालय, नेरचौक में ईएसआई अस्पताल, आईआईटी मंडी, आईआईआईटी ऊना, कांगड़ा में केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान इत्यादि प्रमुख हैं। हिमाचल ने लोक प्रशासन संस्थान हिप्पा का नाम उनके नाम पर रख दिया है। इसे डा. मनमोहन सिंह के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की और शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना जताई। मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री किशन कपूर के निधन पर भी शोकोद्गार प्रस्तुत किया। उन्होंने किशन कपूर के समाज के प्रति किए गए योगदान को याद किया। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना जताई।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शोकोद्गार में खुद को शामिल करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने अपना जीवन शिक्षक के रूप में शुरू किया और फिर आगे बढ़ते हुए देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा कि आज तक जितने भी प्रधानमंत्री बने, आमतौर पर वह राजनीतिक पृष्ठभूमि से होते हैं, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह एक शिक्षक थे और आर्थिक सलाहकार बने। इसके बाद वे केंद्रीय वित्त मंत्री बने और फिर 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह का पूरे देश के लिए योगदान रहा है और पहाड़ी प्रदेश हिमाचल के लिए भी योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश को बड़ी क्षति हुई है और वे ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हैं और शोकाकुल परिवार के गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। जयराम ठाकुर ने पूर्व मंत्री किशन कपूर के निधन पर भी शोक जताया। उन्होंने कहा कि किशन कपूर पांच बार विधायक, तीन बार मंत्री रहे और एक बार सांसद रहे। पार्टी के आग्रह पर किशन कपूर ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा और वे भारी मतों से विजयी हुए। उन्होंने कहा कि वे बीमार हुए और बीमारी के बाद ठीक भी हो गए थे लेकिन फिर ब्रेन हेमरेज होने के बाद वे हम सब को छोडक़र चले गए। उन्होंने शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना जताते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी।

 उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रणधीर शर्मा के सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि जल शक्ति विभाग की कुछ विधायक प्राथमिकता योजनाओं को नाबार्ड ने वापस भेजा है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में नाबार्ड ने कुल 101 योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को वित्तीय मापदंडों के कारण वापस भेज दिया है। इसमें 44 पेयजल, 47 लघु सिंचाई एवं 10 मल निकासी योजनाएं शामिल हैं।

कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल का लिखित जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि गत दो वर्षों में 20 फरवरी 2025 तक प्रदेश में क्रिप्टोकरंसी घोटाले में कुल 13 मामले दर्ज हुए और 80 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन आरोपियों में से 76 हिमाचली व चार गैर हिमाचली हैं। गिरफ्तार आरोपियों में से 73 के खिलाफ मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। शेष सात के खिलाफ मामले अन्वेषणाधीन हैं। इन मामलो में 37 करोड़ की चल व अचल संपत्ति जब्त की गई है।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधायक सुरेंद्र शौरी के सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि कुल्लू जिला में कुल जल विद्युत उत्पादन क्षमता करीब 3017 मेगावाट आंकी गई है। अभी तक जिला कुल्लू में सरकार ने 243 जल विद्युत परियोजनाएं आवंटित की हैं। इनकी विद्युत क्षमता करीब 2914 मेगावाट है। कुल 1121 मेगावाट क्षमता की 34 परियोजनाओं का दोहन कर लिया गया है। गत दो वर्ष में 20 फरवरी 2025 तक सरकार की ओर से जिला कुल्लू में किसी भी नई जल विद्युत परियोजना का आवंटन नहीं किया गया है।

हिमाचल: प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को 17053.87 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पारित कर दिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में सदन में वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुपूरक बजट की पहली व अंतिम किस्त प्रस्तुत की। उन्होंने इसको लेकर हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक भी सदन में पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके पारित होने के बाद सरकार को 17053.78 करोड़ रुपए की राशि को खर्च करने की अनुमति मिल गई है। मुख्यमंत्री की तरफ से सदन में प्रस्तुत अनुपूरक मांगों में 15776.19 करोड़ रुपए राज्य स्कीमों और 1277.59 करोड़ रुपए केंद्र प्रायोजित स्कीमों के लिए प्रावधित किए गए हैं।

विधान सभा की कार्यवाही देखने आए स्कूली बच्चों से विधान सभा अध्यक्ष ने किया संवाद

 बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही देखने आए तिबतियन केन्द्रिय विद्यालय छोटा शिमला के बच्चों ने विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां से मुलाकात की । इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष ने इन स्कूली छात्र – छात्राओं से कुछ प्रश्न भी पूछे। विधान सभा अध्यक्ष ने पूछा कि विधायक तथा सांसद कौन होते हैं। विधान सभा, विधान परिषद, लोकसभा तथा राज्यसभा सांसदो का निर्वाचन कैसे होता है। हालांकि इन छात्रों ने उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब देने का प्रयास भी किया लेकिन विधान सभा अध्यक्ष ने उन्हें विधायक, विधायिका, संसद, संसदीय प्रणाली, प्रजातांत्रिक व्यवस्था तथा देश के संघीय ढाँचे की भरपूर जानकारी दी। विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रजातांत्रिक प्रणाली के विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका तीन महत्वपूर्ण अंग हैं जिनका अपना- अपना महत्व है। पठानियां ने कहा कि विधानपालिका कानून बनाती है, कार्यपालिका उसे लागू करने का कार्य करती है जबकि न्यायपालिका उसकी व्याख्या करती है।

                        संवाद के दौरान पठानियां ने कहा कि आज सदन के अन्दर दूसरे दिन की कार्यवाही आरम्भ होगी जिसमें माननीय सदस्य सरकार से प्रश्न पूछेंगे तथा सरकार उसका जबाव देगी। इस दौरान उप-सचेतक हि0प्र0 सरकार केवल सिंह पठानियां भी विशेष रूप से मौजूद थे। पठानियां ने  कहा कि पिछले कल माननीय राज्यपाल महोदय का अभिभाषण था जिस पर आज सदन में चर्चा शुरू होगी जिसमें सभी माननीय सदस्य अपना – अपना वक्तव्य रखेंगे। पठानियां ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज स्कूली छात्र – छात्राएँ लोकतांत्रिक प्रणाली को जानने तथा सदन की कार्यवाही देखने में गहरी रूचि ले रहे हैं जो लोकतन्त्र की मजबूती का सबब है। पठानियां ने कहा कि अब भविष्य के नेता इन्ही में से निकलेंगे जिनके हाथों में प्रदेश व देश की बागडोर होगी। उन्होने सभी बच्चों को आर्शीवाद दिया तथा उनके समृद्व, सुखद तथा उज्जवल भविष्य की कामना की।

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