ऊर्जा सुधारों ने विश्व में पहचान दिलाई

सीटीयू से जुड़ी 1000 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना की स्‍थापना के लिए स्कीम शुरू

नई दिल्ली: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने केंद्रीय पारेषण निकाय (सीटीयू) के पारेषण नेटवर्क से जुड़ी 1000 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना की स्‍थापना के लिए एक स्‍कीम शुरू की है। इसका उद्देश्‍य पारदर्शी बोली प्रक्रिया के जरिये तय होने वाली कीमत पर गैर-हवादार राज्‍यों को पवन ऊर्जा की आसान आपूर्ति सुनिश्चित करना है। मंत्रालय ने इस स्‍कीम के कार्यान्‍वयन के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) को प्रमुख एजेंसी के रूप में निर्दिष्‍ट किया है।

यह स्‍कीम परियोजनाओं के आकार में वृद्धि और सक्षम एवं पारदर्शी ई-बोली तथा ई-‍नीलामी प्रक्रियाओं की शुरुआत के जरिये प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ावा देगी। इससे गैर-हवादार राज्‍यों की गैर-सौर नवीकरणीय खरीद दायित्‍व (आरपीओ) संबंधी जरूरत को पूरा करने में भी सुविधा होगी। भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 175 जीडब्‍ल्‍यू विद्युत क्षमता हासिल करने का महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍य रखा है और इसमें से 60 जीडब्‍ल्‍यू की प्राप्ति पवन ऊर्जा से होगी। सीटीयू से जुड़ी 1000 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्‍थापना के लिए यह स्‍कीम विंड प्रोजेक्‍ट डेवलपर्स द्वारा ‘बनाओ, अपनाओ एवं संचालित करो’ के आधार पर क्रियान्वित की जाएगी। हालांकि, गैर-हवादार राज्‍यों की विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से ज्‍यादा मांग निकलने पर यह क्षमता बढ़ाकर 1000 मेगावाट से भी ज्‍यादा की जा सकती है।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने सीटीयू से जुड़ी 1000 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्‍थापना के लिए स्‍कीम के क्रियान्‍वयन हेतु मसौदा दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं, जिन्‍हें एमएनआरई ने हितधारकों से परामर्श के लिए जारी किए हैं। इसका ब्‍यौरा http://mnre.gov.in/file-manager/UserFiles/Draft-Wind-1000MW-Guidelines.pdf पर उपलब्‍ध है।

पृष्‍ठभूमि: देश में पवन ऊर्जा के फैलाव की शुरुआत नब्‍बे के दशक के आरंभ में हुई। केंद्र एवं राज्‍य स्‍तरों पर अनुकूल नीतिगत माहौल बनाए जाने के परिणामस्‍वरूप इस खंड ने अन्‍य नवीकरणीय ऊर्जा तकनीकों में सर्वाधिक वृद्धि हासिल की है। देश में पवन ऊर्जा की मौजूदा स्‍थापित क्षमता लगभग 26.7 जीडब्‍ल्‍यू है, जो कुल स्‍थापित क्षमता का तकरीबन 9 फीसदी है। वैश्विक स्‍तर पर भारत पवन ऊर्जा की कुल स्‍थापित क्षमता के लिहाज से चीन, अमेरिका और जर्मनी के बाद चौथे नम्‍बर पर है।

देश में पवन ऊर्जा की संभावनाओं का आकलन राष्‍ट्रीय पवन ऊर्जा संस्‍थान (एनआईडब्‍ल्‍यूई) द्वारा जमीन से 100 मीटर की ऊंचाई पर किया जाता है, जिसके 302 जीडब्‍ल्‍यू से ज्‍यादा रहने का अनुमान लगाया गया है। पवन ऊर्जा की ज्‍यादातर संभावनाएं 8 हवादार राज्‍यों अथवा तेज हवाओं वाले 8 राज्‍यों जैसे कि आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान, तमिलनाडु और तेलंगाना में मौजूद हैं।

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