क्षेत्रवाद में विश्वास नहीं, विकास के मामले में राज्य के सभी भागों को एक समान तवज्जो : मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री ने किए 30 करोड़ के विकास कार्यों के लोकार्पण
  • मुख्यमंत्री ने की विभिन्न स्कूलों को खोलने एवं स्तरोन्नयन की घोषणाएं
  • मुख्यमंत्री ने सैंज से तारापुर डब्बल-लेन सड़क की रखी आधारशिला

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनकी सरकार क्षेत्रवाद में विश्वास नहीं रखती है तथा विकास के मामले में राज्य के सभी भागों को एक समान तवज्जो दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की नीति हमेशा बिना राजनीतिक भेदभाव के समूचे राज्य की एक समान सेवा करने की रही है, ताकि राज्य समग्र विकास को हासिल कर सके।

मुख्यमंत्री आज शिमला जिले के चौपाल विधानसभा क्षेत्र के बलघार में एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य ने सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास हासिल किया है, और आज हिमाचल प्रदेश न केवल देश के छोटे एवं पहाड़ी राज्यों में अग्रणी है, बल्कि बड़े राज्यों से भी विभिन्न मानकों में आगे है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य के अस्तित्व में आने के दौरान यहां लगभग 300 पाठशालाएं तथा लिगभग 350 किलोमीटर सड़कें थीं, जबकि एक भी महाविद्यालय नहीं था, लेकिन आज राज्य में 15,500 से अधिक पाठशालाएं, 113 डिग्री कालेज क्रियाशील हैं, और सड़कों की कुल लम्बाई 34,999 किलोमीटर तक पहुंच गई है। राज्य ने शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य को भी हासिल कर लिया है तथा लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्य के दूरवर्ती एवं पिछड़े क्षेत्रों में स्वास्थ्य संस्थानों का एक सुदृढ़ नेटवर्क स्थापित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा राज्य में नई पाठशालाओं तथा महाविद्यालयों को खोलने पर अनावश्यक हो-हल्ला कर रही है। भाजपा नेताओं को एहसास होना चाहिए कि प्रदेश सरकार ही इन संस्थानों को खोलने तथा क्रियाशील बनाने के लिए धन राशि उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि अधिकांश स्कूल और कालेज युवाओं, विशेषकर लड़कियों को उनके घरद्धार के समीप शिक्षा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राज्य के पिछड़े एवं दूरदराज के क्षेत्रों में खोले गए है। वीरभद्र सिंह ने बलघार से विधानसभा क्षेत्र के लिए 30 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की आधारशिलाएं रखीं तथा लोकार्पण किए। उन्होंने देहा में 13 लाख रुपये की लागत से निर्मित पशु पालन भवन, 83.83 लाख रुपये की लागत से निर्मित चिल्ला खड्ड से घोग-आसला तथा कधराण ऊठाउ पेयजल आपूर्ति योजना और 42.57 लाख रुपये की लागत से निर्मित नौटी खड्ड से बागड़ी जलापूर्ति योजना के लोकार्पण किए।

मुख्यमंत्री ने 185 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दरबार बलसन, 194 लाख रुपये की लागत से बनने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला देहा के भवन, 5 लाख रुपये की अनुमानित लागत से निर्मित होने वाले बटेवड़ी से धार सम्पर्क मार्ग, 1225 लाख रुपये की लागत से सैंज से तारापुर डब्बल-लेन सड़क की आधारशिलाएं रखीं। उन्होंने 40.29 लाख रुपये की लागत से निर्मित नेरी-टिक्कर-कौंच उठाऊ सिंचाई योजना का भी लोकार्पण किया। उन्होंने बलघार में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने, पटगेया में आयुर्वेद औषधालय, दमयाणा स्कूल को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला स्तरोन्नत करने, बासाधार स्कूल को उच्च पाठशाला, मांडल प्राथमिक पाठशाला को माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने तथा कनारी में प्राथमिक पाठशाला खोलने की घोषणाएं कीं। उन्होनें पुलिस पोस्ट देहा को पुलिस स्टेशन में स्तरोन्नत करने की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को काटली-माटरी पेयजल आपूर्ति योजना का कार्य तीन माह में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने झीणा पाठशाला को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तथा बड़लोग पाठशाला को उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने की घोषणाएं कीं। उन्होंने भोट-कन्टोल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की भी घोषणा की।

विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि चौपाल विधानसभा क्षेत्र का पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान सर्वांगीण विकास हुआ है, जिसका श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है, जिन्होंने हमेशा ही विभिन्न विकास परियोजनाओं को आरम्भ करने के लिए उदार वित्तीय सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान विधानसभा क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण कार्यालय खोले गए हैं, जिनसे लोगों को घरद्धार के समीप अपने कार्यों को करवाने की सुविधा उपलब्ध हुई है। हि.प्र. विपणन बोर्ड के अध्यक्ष डा. सुभाष मंगलेट ने विधानसभा क्षेत्र में अनेक शिक्षण, स्वास्थ्य तथा अन्य महत्वपूर्ण संस्थान खोलने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्र की अन्य मांगें भी रखीं।

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