- चूड़चांदनी को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने लिए बनेगा मास्टर प्लान- बडालिया
नाहन : जिला सिरमौर और शिमला की सीमा पर समुद्र तल से लगभग 12 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित चूड़चांदनी पर्वत पर स्थित शिरगुल देवता के प्राचीन मंदिर को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, जिसे स्वीकृती एवं धनराशि के प्रावधान हेतू प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा ताकि इस धार्मिक स्थल पर आने वाले यात्रियों को मूलभूत सुविधाऐं उपलब्ध हो सके।
यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर बीसी बडालिया ने चूड़चांदनी क्षेत्र में पर्यटन की संभावना को तलाशने के लिए अधिकारियों के साथ की गई पैदल यात्रा करने के उपरांत आज यहां जानकारी देते हुए कहा कि सिरमौर- चूड़धार-चौपाल पर्यटक सर्किट के तहत प्रथम चरण में पर्यटन विभाग के माध्यम से पांच करोड़ की कार्य योजना तैयार की गई है, जिसके अन्तर्गत चूड़चांदनी की यात्रा करने वाले पर्यटक एवं श्रद्धालुओं के लिए नौहराधार से चूड़धार तक के 18 किमी रास्ते के सुधार के अतिरिक्त वर्षा शालिकाऐं, शौचालय इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी ।
उपायुक्त ने कहा कि चूड़चांदनी पर्वत पर धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन की भी अपार संभावनें मौजूद है और युवाओं को ट्रेकिंग करने के लिए सबसे उपयुक्त स्थल है। उन्होने कहा कि चूड़चांदनी को प्रकृति ने बहुत बेहतरीन ढंग से संवारा है और इस क्षेत्र में वनों की अमूल्य संपदा मौजूद है, जो पर्यटको को सहज ही आकर्षित करती है । उन्होने कहा कि चूड़धार पर्वत पर आयुर्वेद की दुर्भल जड़ी बूटियां भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और इस क्षेत्र में अनेक आयुर्वेद विशेषज्ञ जड़ी बूटियों पर अनुसंधान भी करते हैं।
उन्होने कहा कि हर वर्ष चूड़चांदनी की यात्रा अप्रैल से अक्तूबर माह तक की जा सकती है और हर वर्ष हजारों की तादाद में श्रद्धालु एवं पर्यटक इस तीर्थस्थल की यात्रा करके शिरगुल मंदिर के दर्शन करके पुण्य कमाते हैं। उन्होने कहा कि भगवान शिव के अंशावतार शिरगुल की तप स्थली के कारण यह पर्वत अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र पर एक पर्यटक स्थल के रूप में दस्तक दे चुका है और बेहतर सुविधाओं के सृजन से इस क्षेत्र में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर सृजित होगें।
उन्होंने कहा कि चूड़चांदनी पर स्थित शिरगुल मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए बिजली, पानी, शौचालय और ठहरने की व्यवस्था हेतू मामला सरकार के साथ उठाया जाएगा। उन्होने चूड़ेश्वर सेवा समिति द्वारा चूड़धार में श्रद्धालुओं के निःशुल्क ठहरने व लंगर व्यवस्था करने के लिए सराहना की और कहा कि यह एक पुनीत कार्य है । उन्होने चूड़धार स्थित आश्रम में विगत 18 वर्षों से रह रहे स्वामी कमला नंद से भी चर्चा की। उन्होंने सर्दियों के दौरान 25 फुट तक बर्फ गिरने के समय इस पर्वत पर रहने के लिए आश्चर्य व्यक्त किया और इस घोर तपस्या बारे उन्हे बधाई दी। उपायुक्त द्वारा चूड़चांदनी पर स्थित शिरगुल मंदिर में पूजा अर्चना भी की और आशुतोष भगवान शिव का आशिर्वाद प्राप्त किया। इस यात्रा में उपायुक्त के साथ तहसीलदार संगड़ाह, नायब तहसीलदार नौहराधार, चूड़ेशवर सेवा समिति के पदाधिकारी जोगिन्द्र चौहान के अतिरिक्त अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे।