हमीरपुर: दियोटसिद्ध के दुकानदारों को दी जाएगी खाद्य सुरक्षा की ट्रेनिंग; रोट बनाने की तिथि और इसकी गुणवत्ता की अवधि भी जाएगी दर्शाई
हमीरपुर: दियोटसिद्ध के दुकानदारों को दी जाएगी खाद्य सुरक्षा की ट्रेनिंग; रोट बनाने की तिथि और इसकी गुणवत्ता की अवधि भी जाएगी दर्शाई
हमीरपुर: बाबा बालक नाथ मंदिर में बेचे जा रहे ‘प्रसाद’ के नमूने खाने के लिए अनुपयुक्त पाए जाने के एक दिन बाद मैनेजमेंट ने बुधवार को कैंटीन को बंद कर दिया और कहा कि इसकी सेवाएं आउटसोर्स की जाएंगी। बरसर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट व बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट, दियोटसिद्ध के अध्यक्ष राजेंद्र गौतम ने कहा कि ट्रस्ट की एक कैंटीन की सेवाएं पहले ही आउटसोर्स की जा चुकी हैं।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने दो महीने पहले बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर प्रसाद के रूप में बेचे जा रहे रोटों के नमूने जांच के लिए सोलन जिले के कंडाघाट स्थित कंपोजिट टेस्टिंग लैबोरेटरी में भेजे थे। नमूने खाने लायक नहीं पाए गए। निजी दुकान से लिए गए रोटों के नमूने भी जांच में फेल हो गए।
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा बालक नाथ मंदिर के प्रसाद एवं रोट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जिलाधीश एवं मंदिर के आयुक्त अमरजीत सिंह ने खाद्य एवं सुरक्षा विभाग और मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों तथा व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किए हैं।
बुधवार को इन अधिकारियों तथा दियोटसिद्ध बाजार के व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक में जिलाधीश ने कहा कि बाबा के रोट और प्रसाद की गुणवत्ता में किसी भी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए रोट के बनाने की तिथि और इसकी गुणवत्ता की अवधि दर्शाना अत्यंत आवश्यक है। खाद्य सुरक्षा कानून और लैब की रिपोर्ट के आधार पर ही रोट की गुणवत्ता की अवधि तय की जाएगी। खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारी इस दिशा में त्वरित कदम उठाएं। जिलाधीश ने खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को 26 नवंबर को दियोटसिद्ध के व्यापारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए।
बैठक में खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त अनिल शर्मा ने विभाग की ओर से उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की जानकारी दी। इस अवसर पर व्यापार मंडल दियोटसिद्ध के उपप्रधान ऋषि गुप्ता, खाद्य सुरक्षा अधिकारी मधु बाला और अन्य अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे।