एचआरटीसी कर्मचारियों के जीपीएफ में करोड़ों रूपये के घोटाले की हो जांच : कपूर व जरियाल

शिमला: पूर्व परिवहन मंत्री किशन कपूर व विधायक विक्रम जरियाल ने कहा कि एच.आर.टी.सी. के कर्मचारियों के जी.पी.एफ में करोड़ों रूपये के घोटाले की जांच होनी चाहिए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होनें कहा कि यह शर्मनाक है कि कर्मचारियों की मेहनत की पाई-पाई दफ्तर के खर्चों, स्टेशनरी और पैंशन के खर्चों में उड़ाई जा रही है और अब तक कर्मचारियों के जी.पी.एफ. के 150 करोड़ रू. जमा नहीं करवाए गए हैं।

भाजपा नेताओं ने कहा कि एच.आर.टी.सी की हालत दिनो दिन बिगड़ती जा रही है। पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी के बावजूद अन्य प्रदेशों के मुकाबले प्रदेश में किराया अत्यधिक है, बावजूद एच.आर.टी.सी का परिचालन घाटा दिनो दिन बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के परिवहन विभाग को केन्द्र की अत्यधिक आर्थिक सहायता के बावजूद इसका सही ढंग से उपयोग न होकर बेतरतीब व्यय किया जा रहा है। एच.आर.टी.सी की हालत यहां तक खराब हो चुकी है कि पिछले कुछ महीनो से कर्मचारियों को पैंशन तक नहीं दी जा रही है। भाजपा नेताओं ने कहा कि परिवहन मंत्री केवल घोषणाओं के ही मंत्री रह गए हैं। विभाग की वास्तविक हालत किसी से छिपी नहीं हैं। कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि एच.आर.टी.सी के बेड़े में कोई भी बस 7 वर्ष से ज्यादा पुरानी नहीं होगी, परन्तु अब परिवहन मंत्री कह रहे हैं कि 10 वर्षों तक बसों को चलाया जाएगा। उन्होनें परिवहन मंत्री से प्रश्न करते हुए कहा कहां गई वह परिवहन नीति जिसका वायदा उन्होंने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया था ?

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