कांग्रेस पार्टी, विधायक दल व एआईसीसी वीरभद्र सिंह के साथ, ब्रिगेड का कोई औचित्य ही नहीं : पठानिया

प्रदेश में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार एकदम मजबूत : कुलदीप सिंह पठानिया

प्रदेश में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार एकदम मजबूत : कुलदीप सिंह पठानिया

शिमला: प्रदेश में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार एकदम मजबूत है। किसी एनजीओ को बनाने का कोई मतलब नहीं है। यह बात कुलदीप सिंह पठानिया ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कही।

मंगलवार को शिमला में बलदेव सिंह ठाकुर ने ब्रिगेड का खुद को अध्यक्ष बताते हुए कार्यकारिणी की घोषणा की थी। इसमें वीरभद्र सिंह समर्थक दो विधायकों सहित, बोर्ड-निगमों के चेयरमैन, पार्टी पदाधिकारियों और पूर्व सांसदों व मंत्रियों को शामिल किया गया था। इसे गैर राजनीतिक संस्था की संज्ञा दी गई थी। कार्यकारिणी का प्रारूप सामने आने पर इसकी शिकायत मंगलवार शाम को ही पार्टी हाईकमान तक भी दिल्ली में पहुंच गई। इससे पहले की हाईकमान या मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से कोई प्रतिक्रिया आती, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन कुलदीप सिंह पठानिया, प्रदेश कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष अनुराग शर्मा व बलदेव नेगी ने कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकार वार्ता कर वीरभद्र ब्रिगेड के औचित्य को नकार दिया।

कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि मीडिया में अपना और कई अन्य नेताओं का नाम पढ़कर हैरानी हुई है, जबकि उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समर्थकों की इस भावना का वे सम्मान करते हैं, मगर इस बारे में किसी भी तरह की कार्रवाई पर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ही फैसला लेंगे। हमारा नाम लेने से पहले ही हमारे बारे में जानकारी ली जानी चाहिए थी। इस बारे में पार्टी अध्यक्ष से चर्चा की जाएगी। जिन लोगों ने पत्रकार वार्ता की है, उनकी भावनाओं की वे कद्र करते हैं। इस अवसर पर कांग्रेस सेवादल के मुख्य संगठक अनुराग शर्मा ने भी कुलदीप सिंह पठानिया की बातों का समर्थन किया।

पठानिया ने कहा कि वीरभद्र सिंह ब्रिगेड की आज के संदर्भ में कोई आवश्यकता नहीं है। वीरभद्र सिंह हिमाचल के अतिलोकप्रिय और वरिष्ठ नेता है। कांग्रेस पार्टी और विधायक दल और एआईसीसी वीरभद्र सिंह के साथ है। इस ब्रिगेड का कोई औचित्य नहीं है व इसकी आज की परिस्थितियों में कोई जरूरत भी नहीं। वह वीरभद्र सिंह के साथ थे, हैं और रहेंगे। जब कोई औचित्य व मान्यता नहीं तो फिर नोटिस का सवाल नहीं उठता। मुख्यमंत्री से इस बारे में बातचीत हुई है। बलदेव ठाकुर से चर्चा होगी कि उन्होंने किस दृष्टि से ब्रिगेड का गठन किया है। बलदेव कांग्रेस जन हैं, लेकिन कनिष्ठ हैं। जो लोग चार-पांच बार विधायक बन चुके हैं और पार्टी पदाधिकारी हैं, उनके नाम डालने से पहले पूछा जाना चाहिए था। पार्टी अध्यक्ष से चर्चा के बाद आगामी निर्णय लिया जाएगा।

 

 

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