शिमला: प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उन्होंन कहा कि यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है लेकिन इसके बावजूद इस प्रकार की कार्रवाई न्यायालय की अवमानना भी है। उन्होंने इसे सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए जल्दबाजी में लिया गया गैर-कानूनी कदम बताया है।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव कुलदीप सिंह पठानिया, प्रवक्ता डा. सुभाष मंगलेट, केवल सिंह पठानिया, पार्टी प्रवेक्षक दिवेन्द्र श्याम ने आज यहां जारी एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर ई.डी. की कार्रवाई को दबाव की राजनीति करार देते हुए कहा कि यह सब प्रेम कुमार धूमल और अनुराग ठाकुर के ईशारे पर लिया गया अनैतिक कदम है, जिसका एक मात्र उद्देश्य प्रदेश में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को अस्थिर करना है। उन्होंने कहा है कि दो दिन पूर्व धूमल पुत्र मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ किसी धमाके की बात करते हैं और इसके बाद ई.डी. मुख्यमंत्री पर इस प्रकार की कार्रवाई करता है। इससे साफ है कि धूमल परिवार का इस कार्रवाई में हाथ है। इन नेताओं ने कहा है कि ई.डी. की प्रशासनिक व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है औरयह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्रीय जांच एजैंसियां राजनीतिक दबाव में कार्य कर रही हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि वीरभद्र सिंह पर ई.डी की त्वरित कार्रवाई से साफ है कि वह भारी राजनीकि दबाव में कार्य कर रही है। देश के कुछ वरिष्ठ राजनेता हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के परिवार के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से उन्हें निजी तौर पर परेशान करने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा के षड़यंत्रकारी इसमें कभी सफल नहीं होंगे और प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री के साथ मजबूती से खड़े है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आज केन्द्र की एनडीए सरकार देश में कांग्रेस शासित राज्यों को एक सोची समझी साजिश के तहत अस्थिर करने का पूरा प्रयास कर रही है। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाना इसा सीधा प्रमाण है। देश की जांच एजेंसियों पर सरकारी दबाव से झूठे मामले बनाकर जनमत का अपमान करते हुए लोकतंत्र की मर्यादाओं को अस्त-व्यस्त करने की पूरी कोशिश की जा रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि प्रदेश सरकार व कांग्रेस पार्टी इन सब बातों से डरने वाले नहीं और इस सब का डटकर मुकाबला करेगी।
कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके परिवार पर एनडीए द्वारा बनाए गए झूठे मामले पूरी तरह राजनीति से प्रेरित हैं और यह सब मामले न्यायालय में नहीं टिक पाएंगे। देश की न्याय व्यवस्था बड़ी मजबूत है और न्यायालय में वीरभद्र सिंह एक बार फिर पाक-साफ होकर निकलेंगे।