नई दिल्ली: 38 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसयू) ने वित्त वर्ष के दौरान सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) से 20 फीसदी सार्वजनिक खरीद का लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह जानकारी आज केंद्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में दी गई। एमएसएमई से सार्वजनिक खरीद के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए यह बैठक आयोजित की गई। मिश्र ने इस नीति की अहमियत पर रोशनी डाली, जिसे सरकार द्वारा अप्रैल, 2015 से अनिवार्य कर दिया गया है और इसका उद्देश्य देश में एमएसएमई एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए उनके मंत्रालय ने 10 मार्च, 2016 को एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें केंद्रीय पीएसयू को उन एमएसएमई के लिए ‘पूर्व अनुभव एवं पूर्व टर्नओवर’ के मानकों में ढील देने की अनुमति दी गई है, जो निर्धारित तकनीकी एवं गुणवत्ता विनिर्देशों के अनुरूप वस्तुएं मुहैया करा सकते हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सीपीएसयू को एमएसएमई से 20 फीसदी वार्षिक खरीद के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सक्रियता के साथ आवश्यक कदम उठाने पड़ेंगे। एमएसएमई से 20 फीसदी वार्षिक खरीद में एससी/एसटी के स्वामित्व वाले एमएसएमई से 4 फीसदी की खरीद भी शामिल है।
मिश्र ने यह जानकारी दी कि एससी (अनुसूचित जाति)/एसटी (अनुसूचित जनजाति) उद्यमियों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए उनके मंत्रालय में एक एससी/एसटी हब बनाया गया है। यह हब (केंद्र) सार्वजनिक खरीद नीति के तहत एससी/एसटी उद्यमियों के लिए अवसर मुहैया करायेगा, उन्हें उद्योग आधार ज्ञापन के तहत पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित करेगा, उन्हें अपने द्वारा निर्मित उत्पादों का पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, सीपीएसयू द्वारा आयोजित किये जाने वाले वेंडर विकास कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी को सुगम बनायेगा और ‘पीएमईजीपी’ के तहत उनके आवेदनों को प्रायोजित करेगा।
उन्होंने यह बात भी रेखांकित की कि कारोबार में और ज्यादा सुगमता सुनिश्चित करने के लिए उनके मंत्रालय ने अक्टूबर, 2015 में एमएसएमई के लिए उद्योग आधार ज्ञापन, ऑनलाइन पंजीकरण लांच किया है। अल्पावधि में ही 3.8 लाख से ज्यादा उद्योग आधार ज्ञापन (यूएएम) दाखिल किये जा चुके हैं।
राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने भी सीपीएसयू द्वारा महत्वपूर्ण कलपुर्जों का विकास किये जाने, आयात के विकल्प की व्यवस्था करने और हाई-टेक मशीनों एवं उपकरणों के कलपुर्जों का रखरखाव करने की अहमियत पर रोशनी डाली। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि वेंडर विकास कार्यक्रमों को आयोजित किया जाना और एमएसएमई के साथ दर (रेट) संबंधी अनुबंध किया जाना सार्वजनिक खरीद में बढ़ोतरी के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं।
उपर्युक्त बैठक में 44 सीपीएसयू के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान 20 फीसदी खरीद लक्ष्यों को हासिल करने से जुड़े मुद्दों पर रोशनी डाली गई और इन्हें हासिल करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया।