एसजेवीएन ने की 100 मेगावाट सौर परियोजना जीयूवीएनएल द्वारा आयोजित नीलामी के माध्यम से हासिल – सीएमडी नन्द लाल शर्मा
एसजेवीएन ने की 100 मेगावाट सौर परियोजना जीयूवीएनएल द्वारा आयोजित नीलामी के माध्यम से हासिल – सीएमडी नन्द लाल शर्मा
सीएमडी नन्द लाल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि -एसजेवीएन ने जीयूवीएनएल चरण XXI की टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से बिल्ड ओन एंड ऑपरेट के आधार पर 2.54 रुपए प्रति यूनिट की दर से 100 मेगावाट की सौर परियोजना सफलतापूर्वक की हासिल
ग्राउंड माउंटेड सौर परियोजना एसजेवीएन द्वारा पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी, एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) के माध्यम से 550 करोड़ रुपए की संभावित लागत पर की जाएगी विकसित
शिमला: एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकनन्द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन ने गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) द्वारा आयोजित ई-रिवर्स नीलामी के माध्यम से फुल कोटेड क्षमता वाली 100 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को हासिल कर लिया है।
नन्द लाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन ने जीयूवीएनएल चरण XXI की टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से बिल्ड ओन एंड ऑपरेट के आधार पर 2.54 रुपए प्रति यूनिट की दर से 100 मेगावाट की सौर परियोजना सफलतापूर्वक हासिल की। यह ग्राउंड माउंटेड सौर परियोजना एसजेवीएन द्वारा पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी, एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) के माध्यम से 550 करोड़ रुपए की संभावित लागत पर विकसित की जाएगी । यह परियोजना एसजीईएल द्वारा ईपीसी अनुबंध के माध्यम से गुजरात के खावड़ा में गुजरात इंडस्ट्रियल पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा विकसित किए जा रहे सौर पार्क में निष्पादित की जाएगी। विदयुत खरीद करार जीयूवीएनएल से आशय पत्र जारी होने के पश्चात निष्पादित किया जाएगा।
परियोजना के लाभों पर प्रकाश डालते हुए नन्द लाल शर्मा ने कहा कि परियोजना की कमीशनिंग होने के प्रथम वर्ष में लगभग 252 मिलियन यूनिट विदयुत उत्पन्न होने की उम्मीद है और 25 वर्षों की अवधि में संचयी ऊर्जा उत्पादन लगभग 5866 मिलियन यूनिट होगा। इसके अलावा, इस सौर परियोजना की कमीशनिंग होने से 287463 टन कार्बन उत्सर्जन कम होने का अनुमान है।
इस वृद्धि के साथ, एसजेवीएन का परियोजना पोर्टफोलियो 59,872 मेगावाट हो गया है। कंपनी वर्ष 2026 तक 12,000 मेगावाट के अपने नए मिशन और वर्ष 2030 तक 25000 मेगावाट के साझा लक्ष्य तथा वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने के लिए अथक प्रयास की ओर अग्रसर है।