जेओए आईटी अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात…लंबित भर्ती परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग की

शिमला: जेओए आईटी पोस्ट कोड 817 के भर्ती परिणाम को लेकर आज (शुक्रवार) शुक्रवार सुबह युवा अभ्यर्थी अपनी बात रखने फिर मुख्यमन्त्री आवास पहुचे।  गुरुवार को अभ्यर्थी सुबह करीब 8 बजे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात करने के लिए पहुंचे, लेकिन यह मुलाकात देर रात 10 बजे हुई। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद ओए-आईटी- 817 अभ्यर्थियों को संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद अभ्यर्थी सुबह दोबारा मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर मुलाकात करने के लिए पहुंच गए।

शुक्रवार सुबह युवा अभ्यर्थी अपनी बात रखने फिर मुख्यमन्त्री आवास पहुचे।  मुख्यमंत्री ने कुछ अभ्यर्थियों को चर्चा के लिए बुलाया। अभ्यर्थियों ने जेओए आईटी 817 के फाइनल रिजल्ट को घोषित कर 31 मार्च 2024 से पहले इन पदों पर भर्ती करने की मांग रखी। अभ्यर्थियों ने कहा कि 21 मार्च 2021 को इन पदों के लिए परीक्षा हुई थी, लेकिन अभी तक परिणाम नहीं निकला है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका था। 9 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने 2020 के नियमों के आधार पर अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए परिणाम जल्द घोषित करने के आदेश सरकार को दिए थे लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि जेओए आईटी पोस्ट कोड 817 का भर्ती परिणाम निकालने के लिए कानूनी पहलुओं को देखा जा रहा है। अभ्यर्थियों का परिणाम जल्द जारी करने के प्रयास जारी हैं। शुक्रवार को ओकओवर शिमला पहुंचे अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर तीन साल से लंबित परिणाम निकालने की गुहार लगाई। इसके बाद सचिवालय जाकर मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान से मिलकर आगामी कैबिनेट बैठक में इस बाबत चर्चा करने को कहा। अभ्यर्थियों ने कहा कि मुख्यमंत्री परिणाम निकालने के पक्ष में हैं, लेकिन कुछ कैबिनेट मंत्रियों को एतराज है। मुख्यमंत्री ने इस मामले को लेकर कैबिनेट बैठक में आम राय बनाने के लिए हमें सभी मंत्रियों से मिलने के लिए कहा है।

जेओए आईटी-817 के 1857 पदों के लिए करीब 5 हजार अभ्यर्थी इंतजार कर रहे हैं। सरकार उनकी इस मांग को पूरा नहीं करती है तो अभ्यर्थी अब भूख हड़ताल के लिए विवश होंगे। अभ्यर्थियों ने कहा कि हम सभी मंत्रियों से जल्द ही मुलाकात करेंगे। इसके बावजूद भी अगर परिणाम जारी नहीं हुआ तो सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा।

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