मुख्यमन्त्री ने किया विधानसभा में वर्ष 2015-16 का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत

शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री वीरभद्र सिंह ने आज विधानसभा में वर्ष 2015-16 का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया। जिसके प्रलेख को अर्थ एवम सांख्यिकी विभाग द्वारा तैयार किया गया है। इस प्रलेख के प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं-

  • चालू वित्तीय वर्ष, 2015-16 में राज्य की अर्थ-व्यवस्था में 7.7 प्रतिशत विकास दर का अनुमान है वर्ष 2015-16 में प्रति व्यक्ति आय रूपये 1,30,067 आंकी गई है।
  • वर्ष 2014-15 में, राज्य का सकल घरेलु उत्पाद रूपये 92,589 करोड़ वर्ष 2013-14 से बढ़कर रूपये 1,01,108 करोड़ हो गया तथा अगामी अनुमानों के अनुसार, वर्ष 2015-16 में राज्य का सकल घरेलु उत्पाद रूपये 1,10,511 करोड़ होने की सम्भावंना है।
  • ग्यारवीं पंचवर्षीय योजना 2007-12 में देश व प्रदेश की विकास दर 8.0 प्रतिशत रही।
  • प्रदेश में, 30.9.2015 तक 1,955 बैंक शाखाएं कार्यरत है। यह पिछले वर्ष से 96 बैंक अधिक हैं।
  • प्रदेश में जमा उधार अनुपात 58.90 हैं।
  • दिसम्बर, 2015 तक रूपये 4,136.05 करोड़ का राजस्व जुटाया गया।
  • दिसम्बर, 2014 से दिसम्बर, 2015 के दौरान अखिल भारतीय थोक मूल्य सूचकांको में मुद्रा स्फीति की दर (.) 0.7 प्रतिशत दर्शाई गई है।
  • दिसम्बर, 2015 के दौरान राष्ट्रªीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के 6.3 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में प्रदेश में वृद्धि 6.2 प्रतिशत रही।
  • प्रदेश में 18,27,900 राशन कार्ड धारकों को 4,856 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जा रही है।
  • राज्य में 137 गैस कम्पनीयां, 329 पैट्रोल पम्प तथा 28 थोक मिðी के तेल विक्रेता कार्य कर रहे हैं।
  • प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में कृषि क्षे़त्र का भाग लगभग 10 प्रतिशत है।
  • सितम्बर, 2015 तक 6.37 लाख किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए गए।
  • कृषि पर आधारित सूचना जुटाने के लिए कृषि कॉल सैंटर नि-शुल्क टोल नम्बर-1800-180-1551 स्थापित किया गया जो सुबह 6 बजे से शाम 10 बजे तक कार्य करता है।
  • वर्ष 2013-14 में खाद्यानों का उत्पादन 15.85 लाख मीट्रिक टन की तुलना में वर्ष 2014-15 में 16.74 लाख मीट्रिक टन रहने का अनुमान है, अतः इसमें 5.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2015-16 में 16.20 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की सम्भावंना है।
  • वर्ष 2015-16 ;दिसम्बर, 2015 तकद्ध में फल उत्पादन 8.19 लाख टन हुआ जो वर्ष 2014-15 में 7.52 लाख टन आंका गया। कुल फल उत्पादन में से सेब का भाग लगभग 85 प्रतिशत है। वर्ष, 2015-16 में ;दिसम्बर, 2015 तकद्ध, 7.55 लाख टन सेब का उत्पादन हुआ जब कि वर्ष 2014-15 में सेब का उत्पादन 6.25 लाख टन था।
  • फसल बीमा योजना के अन्तर्गत, अनुदान राशी बढ़ा दी गई है तथा 3,48,294 लघु तथा सीमान्त किसानों को कवर किया गया है।
  • मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत सेब के 36 खण्डों, आम के 41 खण्डों, किन्नू के 15 खण्डों तथा पलम के 13 खण्डों को कवर किया गया है।
  • वर्ष 2014-15 में, एक राज्य स्तरीय चिकित्सालय 333 पशु चिकित्सालय, 1,766 पशु औषधालय/केन्द्रीय पशु औषधालय, 30 केन्द्रीय पशु औषधालय, 7 पोलीक्लीनिक तथा 6 पशु चिकित्सा चौकियां है जो राज्य में तुरन्त पशु चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाते हैं।
  • भेड़ पालक समृद्धि योजना के अन्तर्गत भेड़ पालकों के 9वीं से 12वीं कक्षा में पढ़ रहे 2 बच्चों को रूपये 1,200 प्रतिवर्ष छात्रवृति प्रदान की जाती है।
  • 1.10.2015 से दूध के खरीद मूल्य में रूपये 1.00 प्रति लीटर की बढौतरी की गई है जिस से 38,970 परिवार लाभान्वित होगें।
  • सोलन, हमीरपुर तथा किन्नौर में 50 प्रतिशत का पशु अनुदान दिया गया।
  • राज्य के लगभग 6,284 मछुआरे प्रत्यक्ष रूप से मत्स्य पालन से अपनी आजीवीका चलाते हैं।
  • मार्च, 2015 तक 32,219 हैंडपम्प लगाए गए।
  • प्रदेश में, इस समय 518 मध्यम व बडे़ उद्योग तथा लगभग 40,194 लघु पैमाने की इकाईयां कार्यरत है।
  • अकुशल श्रेणी के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी 170 प्रतिदिन से बढा कर रूपये 180 प्रतिदिन कर दी गई है।
  • राज्य के रोजगार पंजीकृत कार्यालयों में 31.12.2015 तक 8,08,767 बेरोजगार पंजीकृत किए गए।
  • प्रदेश में 27,436 मैगावाट अनुमानित विद्युत क्षमता का 10,264 मैगावाट का विभिन्न अभिकरणों द्वारा दिसम्बर 2015 तक दोहन कर लिया गया है जो कि कुल क्षमता का 37.41 प्रतिशत है।
  • हिमाचल प्रदेश में 31.12.2015 तक 35,775 किलोमीटर सड़कों की लम्बाई है तथा 10,099 गांव सड़कों से जोडे़ गए। वर्ष 2015-16 में सड़कों के लिए रूपये 901.84 करोड़ का प्रावधान है।
  • हिमाचल पथ परिवहन निगम के बेडे में 2,748 बसें, 2,289 मार्गो पर प्रतिदिन 5.20 लाख कि.मी. की दूरी तय कर रही है।
  • प्रदेश में 63 हैलीपैड परिचालन में है।
  • वर्ष 2015 में प्रदेश में 175.13 लाख पर्यटकों ने आगमन किया। जो कि राज्य की जनसंख्या का 2.5 गुणा है।
  • वर्ष के दौरान, प्रदेश में 10,781 प्राथमिक पाठशालाएं, 2,236 माध्यमिक पाठशालाएं, 880 उच्च पाठशालाए, 1,610 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं तथा 94 महाविद्यालय कार्यरत है।
  • अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आई.आर.डी.पी. के परिवारों के विद्यार्थियों को प्रदेश सरकार निःशुल्क पाठय पुस्तकें उपलब्ध करवा रही है।
  • प्रदेश में विश्वद्यिालय स्तर तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जा रही है जिसमें व्यावसायिक तथा पेशेवर पाठ्यक्रम भी सम्मिलित हैं।
  • सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे है।
  • पुरूष एंव महिला की सारक्षता दर की कमी को पूरा करने के लिए शैक्षिक रूप से पिछड़े खण्डों में कन्या छात्रावासों का निर्माण किया गया है।
  • 10वीं तथा 12वीं कक्षा के 10,000 मेधावी विद्यार्थियों को नेटबुक्स प्रदान किए गए है।
  • तकनीकी शिक्षा में डिग्री स्तर में 6,920, बी फार्मेसी में, 1,030, डिप्लोमा स्तर में, 10,178 तथा आई.टी.आई./ आई.टी.सी.में 39,596 विद्यार्थियों की प्रवेश क्षमता है।
  • प्रदेश में वर्ष के दौरान, 68 चिकित्सालयों, 74 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 516 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 11 ई.एस.आई. तथा 2,067 उपकेन्द्रो के माध्यम से स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण सेवाएं प्रदान की गई तथा अन्य निजी संस्थाएं भी सेवाएं प्रदान कर रही है।
  • वर्ष 2015-16 के दौरान प्रदेश में 2 क्षेत्रीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों, 28 चिकित्सालयों, तथा 1,113 आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्रो, 3 युनानी स्वास्थ्य केन्द्र, 14 होम्योपैथिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा एक प्राकृतिक चिकित्सा चिकित्सालय द्वारा आयुर्वेदिक उपचार की सुविधा प्रदान की जा रहीं हैं।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 95 स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्धारित की गई।
  • बी.पी.एल. तथा आई.आर.डी.पी. परिवारों के लिए निःशुल्क दंत चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए श्मुस्कान योजना शुरू की गई।
  • सामाजिक सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 60 वर्ष से ऊपर परन्तु 80 वर्ष से कम व्यक्तियों के लिए जिनकी वार्षिक आय रूपये 35,000 से कम है को रूपये 600 प्रतिमाह की दर से पैंशन प्रदान की जा रही है तथा 80 वर्ष सेऊपर के व्यक्तियों को रूपये 1,100 प्रतिमाह की दर से पैंशन बिना किसी आय मापदण्ड के दी जा रही है।
  • मुख्य मन्त्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत बेसहारा लड़कियों के अभिभावकों को रूपये 25,000 विवाह अनुदान दिया जा रहा है तथा 1,516 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया गया।
  • बेटी है अनमोल योजना के अन्तर्गत 16,111 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत रूपये 2,010 महिलाओं स्वयं सहायता समूहों को सहायता उपलब्ध करवाई गई।
  • आजिविका कौशल के अन्तर्गत कुल 49,537 ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित किया गया तथा 3 वर्ष की अवधि में इन्हें नौकरी प्रदान की जाएगी।
  • इन्दिरा आवास योजना के अन्तर्गत 2,635 आवास बनाने का प्रस्ताव है।
  • स्वच्छ भारत मिशन योजना को प्रदेश के 12 जिलों में परियोजना विधि पर चलाया जा रहा है तथा हिमाचल स्वच्छता के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में माना जाता है।
  • महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत 147.78 लाख कार्य दिवस सृजित किए गए एंव 3,76,265 परिवारों को रोजगार प्रदान किया गया।
  • राष्ट्रीय शहरी आजिविका मिशन के अन्तर्गत कुल 10 जिलों के मुख्यालयों में यह योजना प्रथम चरण में कार्याविन्त की जा रही है।
  • राजीव आवास योजना के अन्तर्गत शिमला नगर निगम के कृष्णानगर में 300 आवास इकाईयों का निर्माण किया जायेगा।
  • 3,226 ग्राम पंचायतों के सभी चौकीदारों को रूपये 1,850 का अनुदान दिया जा रहा है।
  • आधार योजना के अन्तर्गत 67.77 लाख से अधिक निवासियों को नामांकित किया गया।
  • प्रदेश में बेहतर व यथासमय सेवा के लिए सेवा अधिनियम के अन्तर्गत 15 विभागों में 86 सेवाओं को लागू किया गया।
  • राज्य की जनता के लिए लोक सेवा हेल्पलाइन स्थापित की गई।
  • सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों के लिए टोल फ्री टेलीफोन नम्बर की सुविधा स्थापित की गई है।
  • महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में 25 प्रतिशत छूट दी जा रही है।
  • राज्य को कृषि कर्मन्य पुरस्कार 2014-15 के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ राज्य के लिए नमांकित किया गया है।

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