आर्थिक पैकेज में आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान करने के लिए अनेक प्रावधान : आरएस बाली

बोले, प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों के लिए प्रदेश के भाजपा नेता और केंद्र सरकार का रवैया नकारात्मक रहा

शिमला: 60-70 वर्ष के लोगों ने भी कभी प्रदेश में इतनी बड़ी आपदा नहीं देखी थी। इस प्राकृतिक आपदा ने हिमाचल का ढांचा बिगाड़ कर रख दिया। पार्टी चाहे कोई भी हो, विधायक किसी भी पार्टी का हो, परन्तु ऐसे वक्त में सभी को संवेदनशील होना चाहिए। पक्ष- विपक्ष को इकट्ठे होकर केंद्र सरकार से विशेष पैकेज के लिए दरख्वास्त करनी चाहिए। यह बात प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के पुनर्स्थापन के लिए सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 4500 करोड़ रूपए के विशेष आर्थिक पैकेज का प्रावधान किया है और आपदा राहत मैनुअल में भी रिकॉर्ड 25 गुणा बढ़ौतरी की है जिससे आपदा प्रभावित लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि आपदा से उभरने के लिए केंद्र सरकार से मदद मिलनी चाहिए थी जो नहीं मिली। बावजूद इसके हिमाचल सरकार ने दरियादिली दिखाते हुए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज में राज्य में आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान करने के लिए अनेक प्रावधान किए हैं।

आरएस बाली ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से 12 हजार करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है और 498 लोगों की जान चली गई है, 3 हजार लोग बेघर हो गए हैं, 3500 घर पूर्णतया व 13 हज़ार घर आंशिक  रूप से क्षतिग्रस्त हुए। जिनके प्रति सरकार ने सहानुभूति दिखाते हुए विशेष आर्थिक बजट की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों के लिए राहत देना केंद्र सरकार का दायित्व बनता था लेकिन केंद्र सरकार से इसके लिए अलग से कोई भी मदद नहीं मिली है। प्रदेश के भाजपा नेता और केंद्र की सरकार का रवैया नकारात्मक रहा है। सरकार ने आपदा राहत मैनुअल में बदलाव करके प्रभावितों को घर के निर्माण के लिए जमीन, आर्थिक मदद देने के साथ बिजली, पानी भी मुफ्त में देने का बड़ा ऐलान किया है।

वहीं,  आरएस बाली ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण पर्यटन कारोबार भी प्रभावित हुआ है लेकिन अब धीरे-धीरे पर्यटकों का हिमाचल प्रदेश के लिए विश्वास बढ़ रहा है और पर्यटकों का आना शुरु हो चुका है। पर्यटन विकास निगम भी पर्यटकों को प्रदेश में लाने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में पर्यटन उत्सवों का आयोजन करने जा रही है जिसके माध्यम से हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक संस्कृति, वेश-भूषा और व्यंजनों को प्रदर्शित किया जाएगा ताकि हिमाचल के प्रति पर्यटकों की रूचि बढ़े।

जानें राहत राशि कैसे प्रभवितों तक पहुंचेगी

पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 7 लाख रुपए, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए एक लाख, गौशालाओं के पुनर्निर्माण के लिए 50 हजार, मृत पशुओं के लिए 5,500 रुपए, दुकानों व ढाबों के नुकसान पर 1 लाख, बगीचों और खेतों में क्षतिग्रस्त भूमि के लिए 10 हजार, फसल क्षति के लिए 4 हजार मिलेंगे

आईएस बाली ने कहा कि ऐसे व्यक्तियों के मामले जिनकी भूमि संरचना नष्ट हो गई है चाहे उनके पास भूमि हो या ना हो उन्हें भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।

बाली ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए राज्य के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भूस्खलन और बाढ़ के दौरान एक पल के लिए भी आराम नहीं किया प्रभावित क्षेत्र का स्वयं दौरा किया और प्रदेश की बेहतरी के लिए दिन-रात काम किया।

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