केन्‍द्रीय मंत्री ने स्‍वर्ण पदकों से नवाजे मेधावी

  • सीयू का दीक्षांत समारोह सम्‍पन्‍न
  • -केन्‍द्रीय मंत्री द्वारा अर्थोपयोगी कोर्सों को प्रोत्साहन देने का अहवाह्न
सीयू का दीक्षांत समारोह सम्‍पन्‍न

सीयू का दीक्षांत समारोह सम्‍पन्‍न

केन्‍द्रीय मंत्री द्वारा अर्थोपयोगी कोर्सों को प्रोत्साहन देने का अहवाह्न

केन्‍द्रीय मंत्री द्वारा अर्थोपयोगी कोर्सों को प्रोत्साहन देने का अहवाह्न

शिमला: हिमाचल प्रदेश केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय का तृतीय दीक्षांत समारोह सोमवार को डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद मेडीकल कॉलेज, टांडा के सभागार में सम्‍पन्‍न हो गया। कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्‍मृति इरानी ने विद्यार्थियों को स्‍वर्ण पदक एवं डिग्रियों से अलंकृत किया। केन्‍द्रीय मंत्री के हाथों अपने लंबे शैक्षणिक परिश्रम को डिग्री के रूप में प्राप्‍त करने की खुशी विद्यार्थियों के चेहरे पर साफ झलक रही थी। विश्‍वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्‍तुत करते हुए कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि अपनी छोटी सी अवधि में ही हिमाचल प्रदेश केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। विश्‍वविद्यालय के अंदर विज्ञान के क्षेत्रमें अनेकों शोध कार्य किए जा रहे हैं जिनको अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर सराहना प्राप्‍त हो रही है। उन्‍होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय देश के उन चंद विश्‍वविद्यालयों में शुमार है जहां संस्‍कृत की पढ़ाई सिर्फ संस्‍कृ‍त में ही कराई जा रही हैं। वहीं अन्‍य विश्‍वविद्यालयों में इस पाठ्यक्रम को हिंदी अथवा अंग्रेजी में पढ़ाया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍वविद्यालय में शीघ्र ही योग को चिकित्‍सा से जोड़ते हुए अध्‍ययन कार्य प्रारंभ किए जाएंगे जिनका लाभ समूचे देश के विद्यार्थियों को भी मिलेगा।

अपने दीक्षांत अभिभाषण में मुख्‍य अतिथि केन्‍द्रीय मंत्री स्‍मृति इरानी ने कहा कि विश्‍वविद्यालय द्वारा अब तक की गई तरक्‍की प्रसंशनीय तो है ही और छात्राओं की शिक्षा में बढ़ती भागीदारी सभी के लिए अनुकरणीय है ।अर्थोपयोगी कोर्सों को प्रोत्साहन देने का अहवाह्न करते हुए उन्‍होंने हिमाचल प्रदेश केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय द्वारा पढ़ाए जा रहे कुछेक विषयों यथा गणित (स्‍पेशलाइजेशन इन इंडस्ट्रिल मैथमेटिक्‍स) और भौतिकी (स्‍पेशलाइजेशन इन थ्‍योरेटिकल फिजिक्‍स) जैसे विषयों को भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि इन प्रकार के विषयों को अन्‍य केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों में भी अपनाने की आवश्‍यकता है जिसके लिए वह स्‍वयं भी कुलपतियों की बैठक में प्रस्‍तावित करेंगी। अपने आशीर्वचनों में उन्‍होंने हिमाचल प्रदेश केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय को भविष्‍य में गणित पर आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन के लिए विषयों आदि संबंधी सुझाव भी भेजने की बात कही ताकि उन बिंदुाओं पर भी गंभीरता से चर्चा हो सके। उन्‍होंने हिमाचल प्रदेश केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय द्वारा कुछ नवीन प्रयत्‍नों जैसे कि स्‍नातक स्‍तर पर संस्‍कृत माध्‍यम से संस्‍कृत पढ़ाए जाने की भी प्रशंसा की। उन्‍होंने अंग्रेजी के साथ हिंदी माध्‍यम में विद्यार्थियों को शिक्षा-दीक्षा प्रदान करने और परीक्षा देने की भाषा में हिंदी का भी विकल्‍प देने की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि वैसे विद्यार्थियों जिनका विकास भाषागत चुनौतियों की वजह से नहीं हो पाता है उनके लिए यह कदम काफी उपयोगी साबित होगा। विश्‍वविद्यालय द्वारा योग केन्‍द्र खोलने के संकल्‍प पर मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक पृष्‍ठभूमि और पर्यटन की दृष्टि से इस योग केन्‍द्र में ‘वेलनेस सेंटर’ भी जोड़ें तो काफी समीचीन होगा। उन्‍होंने विश्‍वविद्यालय को आश्‍वस्‍त करते हुए कहा कि शीघ्र ही हिमाचल प्रदेश केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय को अपने स्‍थायी परिसर के लिए भूमि प्राप्‍त होगी।

विश्‍वविद्यालय के कुलाधिपति अरुण मायरा ने कहा किविश्‍वविद्यालय विद्वानों और बुद्धिजीवियों की खान होते हैं और उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि देश एवं समग्र रूप से विश्‍व के सामने आ रही विभिन्‍न समस्‍याओं / मुद्दों पर चिंतन व विमर्श करते हुए उचित समाधान प्रस्‍तुत करने के लिए गंभीर शोध में संलग्‍न रहें। हिमाचल प्रदेश केन्‍द्रीय विश्‍ववि़द्यालय इस दिशा में महत्‍वपूर्ण कार्य कर रहा है। उन्‍होंने विश्‍वविद्यालय की समाज में महती भूमिका को उद्घाटित करते हुए कहा कि आत्‍म विकास के लिए स्‍वयं को सुनना और अंत:पुकार कोपहचानना और समझना जरूरी है। दूसरों को सुनना नेतृत्‍व के लिए अत्‍यंत आवश्‍यक है और विश्‍ववि़द्यालय से अगले पढ़ाव में कदम रखने वाले विद्यार्थियों के लिए यह समझना और अपनाना आवश्‍यक है तभी वो समाज में अग्रणी की भूमिका निभा सकेंगे।

अपने संभाषण में प्रति-कुलपति प्रो. योगिंद्र वर्मा ने विद्यार्थियों को उनके अथम परिणामस्‍वरूप प्राप्‍त डिग्रियों के लिए बधाई दी और आगामी जीवन में सफलताओं के लिए शुभकामनाएं दीं। इससे पूर्व दीक्षांत समारोह का शुभारंभ केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्‍मृति इरानी, कुलाधिपति अरुण मायरा, कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री,प्रति-कुलपति प्रो. योगिन्‍द्र वर्मा, कुलसचिव ब्रिग. जगदीश चंद रांगड़ा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. अरविंद अग्रवाल आदि ने मां सरस्‍वती के चित्रपट पर माल्‍यार्पण एवं दीप प्रज्‍वलन कर किया। तदोपरांत विश्‍वविद्यालय के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने मुख्‍य अतिथि केन्‍द्रीय मंत्री स्‍मृति इरानी को स्‍मृति चिह्न भेंट कर सम्‍मानित किया। दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को 08 पीएच.डी., 28 स्‍वर्ण पदक, 633 स्‍नातकोत्‍तर उपाधियां एवं 02 अडवांस्‍ड डिप्‍लोमा प्रदान किए गए।

इस अवसर पर विश्‍वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद के सदस्‍य, शैक्षणिक परिषद के सदस्‍य, हिमाचल प्रदेश विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.डी.एन. वाजपेयी, जम्‍मू केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक आएमा सहित विभिन्‍न आमंत्रित अतिथि एवं शैक्षणिक व शिक्षकेतर कर्मीगण उपस्थित थे।

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