प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इस खरीफ मौसम में भी रहेगी जारी : कृषि निदेश डॉ.कौंडल

बागवानी उपकरणों के लिए सब्सिडी का प्रावधान

नई दिल्ली: भारत में कृषि मजदूरों की बढ़ती किल्‍लत को ध्‍यान में रखते हुए पूरी तरह से सोच- समझ कर मशीनीकरण की तरफ कदम बढ़ाना अत्‍यंत जरूरी है। मशीनीकरण से न केवल कारक (फैक्‍टर) संबंधी विभिन्‍न संसाधनों (जैसे कि भूमि, श्रम, जल, पूंजी और कृषि के महंगे कच्‍चे माल) का अधिकतम उपयोग संभव होगा, बल्कि इससे किसानों के बेशकीमती समय एवं प्रयासों की बचत करने में भी मदद मिलेगी। समय, श्रम एवं संसाधनों के न्‍यायसंगत इस्‍तेमाल से बहु-फसलों की सतत गहनता और फसलों का समय पर रोपण करने में मदद मिलेगी। इतना ही नहीं, इससे फसल को पकने के लिए भी पर्याप्‍त समय मिलेगा, जिससे बेहतर उत्‍पादकता सुनिश्चित होगी।

भारत में बागवानी संबंधी मशीनीकरण फिलहाल अपने शुरुआती चरण में है और इस क्षेत्र के विकास के लिए हस्‍तक्षेप की तत्‍काल जरूरत है। भारत सरकार के कृषि, सहयोग एवं किसान कल्‍याण विभाग ने वर्ष 2014-15 के दौरान कृषि मशीनीकरण से जुड़े उप-मिशन (एसएमएएम) की योजना की शुरुआत की थी।

इस योजना का उद्देश्‍य कृषि मशीनीकरण का लाभ खासकर उन क्षेत्रों के छोटे एवं सीमांत किसानों को मुहैया कराना है, जहां कृषि संबंधी बिजली की उपलब्‍धता बेहद कम है। दूसरे शब्‍दों में, इस योजना का उद्देश्‍य उन किसानों तक कृषि मशीनीकरण का लाभ पहुंचाना है, जो इनसे अब तक वंचित रहे हैं। इसी तरह इस योजना का उद्देश्‍य हाई-टेक एवं महंगे कृषि उपकरणों के लिए केन्‍द्र सृजित करना, प्रदर्शन एवं क्षमता सृजन गतिविधियों के जरिये हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा करना और देश भर में अवस्थित प्रदर्शन संबंधी परीक्षण एवं प्रमाणन सुनिश्चित करना है। इस योजना का एक अन्‍य उद्देश्‍य ‘कस्‍टम हायरिंग सेंटर्स’ को बढ़ावा देना है।

एसएमएएम के परिचालनात्मक दिशा-निर्देशों को हाल ही में संशोधित किया गया है। इनमें बागवानी से जुड़े विभिन्‍न उपकरणों के साथ-साथ तिलहन, खाद्यान्‍न एवं बागवानी फसलों से संबंधित कटाई उपरांत तकनीक वाले उपकरण भी शामिल हैं, ताकि कटाई उपरांत तकनीक वाले उपकरण की कुल लागत के 60 फीसदी तक की वित्‍तीय सहायता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे एवं सीमांत किसानों, महिलाओं और पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के लाभार्थियों को दी जा सके और अन्‍य श्रेणी के लाभार्थियों को कुल उपकरण लागत के 50 फीसदी तक वित्‍तीय सहायता दी जा सके। इसी तरह बागवानी उपकरणों के लिए सब्सिडी का प्रावधान है, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे एवं सीमांत किसानों, महिलाओं और पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के लाभार्थियों के लिए उपकरण लागत का 50 फीसदी है और अन्‍य श्रेणी के लाभार्थियों के लिए कुल उपकरण लागत का 40 फीसदी है।

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