शिमला: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण बिल को तो कांग्रेस ने विरोध करके वापिस करवा दिया परन्तु यूपीए सरकार द्वारा पारित भू-अधिग्रहण बिल 2013 के प्रावधानो को भी हिमाचल प्रदेश में लागू न करके कांग्रेस सरकार गांव, गरीब व किसानो के साथ अन्याय कर रही है। सरकार की इस गलती की वजह से नेशनल हाईवे के तहत होने वाले अधिकग्रहण में प्रदेश के प्रभावितों को जो नुकसान उठाना पड़ रहा है, उसकी भरपाई संभव नहीं है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नए भूमि अधिग्रहण बिल के अनुसार अधिगृहित भूमि के लिए बाजार भाव से मुआवजा मिलेगा। जबकि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में यह मुआवजा सर्कल रेट के अनुसार दिया जा रहा है, जिसकी वजह से अपनी मूल्यवान भूमि खोने की एवज में प्रभावित परिवारों को 15 से 50 गुना कम पैसे मिलेंगे। कांग्रेस सरकार को प्रदेशवासियों के साथ यह अन्याय करने का कोई हक नहीं है, क्योंकि नेशनल हाईवे में होने वाले भूमि अधिग्रहण के लिए पैसा केन्द्र सरकार से मिलेगा।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नए भूमि अधिग्रहण बिल के अनुसार किसी भी भूमि के अधिग्रहण के लिए गुणांक 2 से 4 तक प्रयोग में लाया जाएगा। इसका अर्थ है यदि गुणांक 2, 3, 4 प्रयोग में लाया जाएगा तो क्रमशः 4, 6, 8 गुणा कीमत प्रभावित परिवारों को भूमि अधिग्रहण की ऐवज में मिलेगी। परन्तु प्रदेश सरकार वर्तमान में गुणा 1 का प्रयोग कर रही है। इसकी वजह से सर्कल रेट का दोगुनी कीमत ही प्रभावितों को मिलेगी। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा प्रदेश कांग्रेस सरकार से मांग करती है कि प्रदेश में प्रस्तावित फोर लेन में भूमि अधिग्रहित करने के लिए नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू किया जाना चाहिए। प्रदेश में प्रस्तावित सभी नेशनल हाईवे के दोनों तरफ की भूमि पर्यटन, खेती व व्यवसायिक दृष्टि से प्रदेश में उपलब्ध उच्च सबसे बढ़िया भूमि में से एक है। ऐसे में अधिग्रहण में अगर उचित मुआवजा नहीं मिलेगा तो यह सरासर अन्याय होगा। नया भूमि अधिग्रहण बिल का अर्थ है पारदर्शिता और साझेदारी, जिसका प्रदेश सरकार को उल्लंघन नहीं करना चाहिए।