शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला के चुनाव पर 16 अगस्त तक रोक लगा दी है। हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा। तब तक चुनाव नहीं कराये जा सकते हैं। प्रदेश हाईकोर्ट ने उपायुक्त शिमला व मंडलाआयुक्त से जबाब तलब किया है। उपायुक्त शिमला ने प्रार्थी की पुनर्सीमांकन की मांग को खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ता इसको लेकर फ़िर कोर्ट पहुंचे हैं। कोर्ट ने मंगलवार को मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया में रोक लगा दी है। मामले में 16 अगस्त को मामले की सुनवाई रखी गई है। दो वार्डो समरहिल नाभा वार्ड को लेकर मामला हाईकोर्ट में गया था। इससे पांच वार्डों नाभा, समरहिल, बालूगंज, टूटीकंडी और फागली में डिलिमिटेशन का असर पड़ा है।
बीते मार्च में जयराम सरकार ने शिमला नगर निगम में सात नए वार्ड बनाए हैं। शिमला में अब वार्डों की संख्या 34 से बढ़कर 41 हो गई है। नए वार्ड बनाने के साथ कुछ पुराने वार्डों की सीमाएं भी बदली गई हैं। समरहिल और नाभा वार्ड के डिलिमिटेशन को दो प्रार्थियों ने अदालत में चुनौती दी थी। प्रार्थी का आरोप था कि राजनीतिक लाभ के लिए उनके वार्डों के कई इलाके दूसरे वार्ड में शामिल किए गए हैं। उनकी अपील पर काफी समय तक अदालत में सुनवाई हुई, लेकिन कुछ दिन पहले उपायुक्त ने इनकी आपत्तियां खारिज कर दीं। इसके बाद फिर से प्रार्थी पार्षद सिमी नंदा और राजीव ठाकुर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐसे में अब कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि जिला प्रशासन को नाभा और समरहिल वार्ड की आपत्ति एवं सुझाव को दोबारा सुनना होगा।