शिमला : भारतीय जनता पार्टी ने काग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाधी व उपाध्यक्ष राहुल गाधी से पूछा है कि भ्रष्टाचार के प्रत्यक्ष साक्ष्य होते हुए भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को पद से क्यों नहीं हटाया जा रहा है? भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले राहुल गाधी ने आखिरकार क्यों एक परिवार के भ्रष्टाचार पर चुप्पी साध रखी है?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआइ द्वारा एफआइआर और बाद में मनी लॉड्रिंग को लेकर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज एफ आइआर से कोई संदेह नहीं रह गया है कि मुख्यमंत्री व उनका परिवार अवैध लेन-देन में संलिप्त रहा है। उन्होंने कहा कि सीबीआइ व प्रवर्तन निदेशालय ने लंबी जाच के बाद ही सबूतों के आधार पर मामले दर्ज किए हैं। वीरभद्र सिंह को चाहिए कि वह पद छोड़कर अपने खिलाफ आरोपों का सामना करें। काग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू को भी स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर उनकी पार्टी की क्या मजबूरी है कि जो काग्रेसी कभी विकास के नाम पर एक साथ नहीं हुए, वे मुख्यमंत्री को बचाने के लिए एकजुट हैं। काग्रेस के इस रवैये को जनता माफ नहीं करेगी। इस रवैये के कारण आज प्रदेश विकास के मामले में 10 वर्ष पीछे चला गया है।