प्रदेश सरकार प्राचीन मंदिरों के सरक्षण के लिए कृतसंकल्प : मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री ने देव सदन पहुंचकर 100 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का ढालपुर मैदान (रथ मैदान) में किया ध्वजारोहण
  • मुख्यमंत्री ने कुल्लू में संस्कृति केंद्र और सभागार की रखी आधारशिला

 

मुख्यमंत्री ने देव सदन पहुंचकर 100 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का ढालपुर मैदान (रथ मैदान) में किया ध्वजारोहण

मुख्यमंत्री ने देव सदन पहुंचकर 100 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का ढालपुर मैदान (रथ मैदान) में किया ध्वजारोहण

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आज कुल्लू पहुंचने पर भुंतर हवाई अड्डे में लोगों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। परिवहन मंत्री जी.एस. बाली तथा आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री आज अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के समापन समारोह की अध्यक्षता करने के लिए कुल्लू पहुंचे।

इसके पश्चात्, मुख्यमंत्री ने देव सदन पहुंचकर 100 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का ढालपुर मैदान (रथ मैदान) में ध्वजारोहण किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कारदारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार उन सभी प्राचीन मंदिरों के ‘गैर मुआफीदार देवताओं’ को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने पर विचार करेगी, जिनकी भूमि सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्राचीन मंदिरों के सरक्षण के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि सचल निधि केवल उन्ही मंदिरों के लिए है, जो सरकार के अधीन हैं और जो मुजारों के अधीन है। उन्होंने कहा कि इन मंदिरों के लिए प्रयाप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्धारित सीमा से अधिक खर्च होने पर भी इन मंदिरों को सरकार वित्तीय सहायता देगी, जिससे इन मंदिरों में धार्मिक गतिविधियां सुचारू रूप से चलाई जा सकें।

वीरभद्र सिंह ने उन लोगों को चेतावनी दी जो देवताओं के नाम पर लोगों के विश्वास व आस्था से खेलने का प्रयास करते हैं तथा देवी-देवताओं की पालकियों को गलियों में घुमाते फिरते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों का जीवन स्थानीय देवी-देवताओं के इर्द-गिर्द ही घूमता है। प्रदेश की समृद्ध संस्कृति व रीति-रिवाजों को संरक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि कोई भी समाज अपनी संस्कृति के बिना जीवित नहीं रह सकता।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 10 करोड़ रुपये के सचल कोष से प्रत्येक को 25 हजार रुपये के चैक भेंट किये। इस कोष को प्रारंभिक तौर पर घाटी के 24 स्थानीय देवी-देवताओं के मंदिरों के रख-रखाव के लिए सृजित किया गया है। धनराशि उपलब्ध करवाने के लिए कारदार संघ के अध्यक्ष दोत राम ने मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने मुख्यमंत्री व स्थानीय प्रशासन का स्थानीय देवी-देवताओं के लिए स्मारक बनाने के लिए भी आभार प्रकट किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से स्थानीय देवी-देवताओं के नजराने में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का आग्रह भी किया।

इसके पश्चात्, मुख्यमंत्री ने देवसदन के निकट 13.38 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले बहुउदे्दशीय संस्कृति केद्र तथा इनडोर सभागार की अधारशीला रखी। इस सभागार में 680 लोगों को बैठने की क्षमता के अतिरिक्त 18 कमरों का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 20 लोगों से अधिक की क्षमता वाले दो डोरमैट्री व पार्किंग सुविधा भी उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कलाकेंद्र में 5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली पार्किंग की आधारशिला रखी, जिसमें 160 से अधिक वाहनों को पार्क करने की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कुल्लू में 2.92 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले इन्डोर खेल परिसर की आधारशिला भी रखी, जिसमें दुकानें, पैविलियन व बैडमिंटन कोर्ट शामिल हैं। उन्होंने सियोबाग में दृष्टिबाधितों के लिए पुर्नवास केंद्र की आधारशिला रखी।

मुख्यमंत्री ने मनाली के निकट बड़ाग्राम में 40 करोड़ रुपये की लागत से एशियन बैंक की सहायता से पर्यटन एवं उड्डयन विभाग द्वारा निर्मित किए जाने वाले पर्यटन संस्कृति केंद्र की आधारशिला भी रखी। इस परियोजना से प्रदेश की प्राचीन संस्कृति का संरक्षण तथा प्रोत्साहन सुनिश्चित होगा और कला, संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा मिलने के साथ-साथ क्षेत्र की स्थानीय आर्थिकी में भी बढ़ोतरी होगी। इस परियोजना के मुख्य घटको में फुडकोट, 50 दुकानों वाला व्यावसायिक खण्ड, यात्रियों के लिए आवासीय खण्ड व 400 लोगों की क्षमता वाला कन्वेंसन केन्द्र इत्यादि शामिल होंगे।

उन्होंने इस अवसर पर 9.75 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पॉलीटैक्निक कालेज भवन का भी शुभारम्भ किया। उन्होंने सिविल तथा इलैक्ट्रिकल टेªड में वर्तमान 40 सीटों को बढ़ाकर 60 करने को भी स्वीकृति प्रदान की, जिससे अब वर्तमान के 254 विद्यार्थियों की संख्या बढ़कर 414 हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान देव संग्रालय का भी उद्घाटन किया, जो स्थानीय देवी-देवताओं व कुल्लू की संस्कृति के लिए समर्पित है। उन्होंने 1.75 करोड़ रुपये की लागत से नगर कमेटी की पार्किंग का भी शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री ने कुल्लू दशहरा तथा कुल्लू घाटी के देवी-देवताओं पर आधारित वैबसाईट तथा कुल्लू के वयोवृद्ध लेखक मोलू राम ठाकुर पर आधारित वृत चित्र का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों तथा गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। उन्होंने इस दौरान भगवान रघुनाथ की पूजा अर्चना भी की। वीरभद्र सिंह ने जिला सांस्कृतिक परिषद कुल्लू द्वारा प्रकाशित प्रसिद्व हिमाचली लेकिखका एवं कवित्री मीनाक्षी चौधरी द्वारा लिखित तीन पुस्तकों का भी विमोचन किया।

 

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *