मुख्यमंत्री जयराम दिल्ली चुनाव में प्रचार के लिए रवाना

“सबका साथ, सबका विकास” के नारे को आगे बढ़ाते हुए जयराम ठाकुर ने सामान्य वर्ग की ओर से उठी मांग की पूरी, सामान्य वर्ग आयोग के गठन की अधिसूचना जारी..

शिमला: हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितयां ऐसी हैं जहां हर जाति, समुदाय और वर्ग के लोगों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। चाहे वे बर्फीले पहाड़ हों या सूखे बीहड़ों जैसे चंगर आर्थिक रूप से कमजोर या पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों की कई दशकों से मांग थी कि उनके लिए भी अन्य आयोगं की तर्ज पर एक आयोग बनाया जाए जो उनके हितों की रक्षा की दिशा में काम करे पिछली सरकारें इस मसले की अनदेखी करती रहीं मगर सरकार बनने के बाद ही सीएम जयराम ने स्पष्ट कर दिया था कि वह हर हिमाचली के लिए काम करेंगे, हर क्षेत्र, हर वर्ग का बराबर ख्याल रखेंगे।

सीएम सैद्धांतिक रूप से शुरू से ही सामान्य वर्ग की जरूरतों और समस्याओं के लिए सामान्य वर्ग बनाने के पक्ष में थे। लेकिन उनका स्पष्ट कहना था कि ऐसे किसी आयोग का गठन समाज के ताने बाने के बिखरने की शर्त पर नहीं हो सकता। जब धर्मशाला में सीएम ने सामान्य वर्ग आयोग बनाने का वादा किया था, तब भी उन्होंने यही बात दोहराई थी कि वह संवैधानिक दायरे के तहत सभी नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज उन्होंने कर्मचारी नेताओं को भी दो टूक कहा कि आंदोलन करके जनता के काम में बाधा डालेंगे तो कोई मांग नहीं मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि शालीन ढंग से अपनी बात रखेंगे तो जरूर बात सुनी जाएगी। उनकी इसी बात का उदाहरण आज भी देखने को मिला।

आज बजट सत्र के पहले ही दिन सरकार ने आयोग बनाने की अधिसूचना जारी कर दी है। जयराम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह शोर मचाने की बजाय चुपचाप काम करना पसंद करते हैं।

अन्य आयोगों की तरह काम करेगा सामान्य वर्ग आयोग

सामान्य वर्ग आयोग भी अन्य वर्गों के लिए पहले से चल रहे आयोगों की तरह की काम करेगा। जैसे कि महिला आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग। सामान्य वर्ग की ओर से उठाई जा रही मांग पर आज अंतिम मुहर लग चुकी है। सामान्य वर्ग आयोग में अध्यक्ष और दो सदस्य सरकार की ओर से मनोनीत किए जाएंगे। इसके अलावा एक अधिकारी को भी बतौर सदस्य सचिव मनोनीत किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश सामान्य वर्ग आयोग में एक अध्यक्ष और दो सदस्य होंगे। राज्य सरकार में संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी इसका सदस्य सचिव होगा। आयोग का कार्यकाल एक साल का होगा, जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है। आयोग का मुख्यालय शिमला में होगा। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने आयोग का संविधान अधिसूचित किया है, जिसमें इसकी कार्यप्रणाली और स्वरूप के बारे में भी स्थिति स्पष्ट कर दी है। सरकार आयोग को इसके कार्य को कुशलता से करने के लिए जरूरी स्टाफ भी देगी। ये सरप्लस पूल, सेकंडमेंट या आउटसोर्स से नियुक्त होगा। आयोग की बैठक उसी समय होगी, जब यह जरूरी होगी और आयोग अध्यक्ष इसे बुलाना चाहेगा। आयोग इसकी कार्यवाही का खुद ही विनियमन करेगा। 

  • आयोग सामान्य वर्ग की समस्याओं और मुद्दों का निरीक्षण करेगा। 

  • सामान्य वर्ग के गरीब लोगों की आर्थिक स्थिति का सर्वेक्षण और अध्ययन करेगा, उनके उत्थान के लिए विकास योजनाएं बनाएगा। अन्य राज्यों की नीतियों का भी अध्ययन करेगा।  

  • सामान्य श्रेणी की संविधानप्रदत्त सुरक्षा और इसके मानकों को जनहित में लागू करेगा। 

  • सामान्य वर्ग के हित और कल्याण से संबंधित सूचना किसी भी विभाग या स्वायत्त इकाई से तलब करने की शक्ति होगी। 

हर वर्ग के लिए जयराम ठाकुर ने किए काम

आम लोगों के लिए फ्री इलाज की बात हो, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को हर महीने 3 हजार रुपये आर्थिक मदद देने की बात हो, बुजुर्गों के लिए पेंशन की उम्र 80 से घटाकर 70 करने की बात हो, महिलाओं को 65 की उम्र से बिना पेंशन की बात हो या गरीबों को फ्री बिजली की हर वर्ग के लिए हर वर्ग के लिए जयराम ठाकुर काम कर रहे हैं।

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