स्वास्थ्य विभाग लेबर रूम के स्टाफ को बनाएगा दक्ष, गंभीर गर्भावस्था से निपटने का दिया जाएगा प्रशिक्षण

हिमाचल: जेएसवाई योजना बनी वरदान, 16354 गर्भवती महिलाओं को मिला लाभ

हिमाचल: जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) भारत सरकार की सुरक्षित मातृत्व को प्रोत्साहित करने की योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन प्रदान कर गरीब गर्भवती महिलाओं (बीपीएल/एससी/एसटी) को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करना है।  

स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इस पहल के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को ग्रामीण क्षेत्र में 600 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 400 रुपये प्रोत्सहान राशि के रूप में प्रदान किए जाते हैं। इसी तरह यदि एक योग्य गर्भवती मां (बीपीएल/एससी/एसटी) किसी सरकारी संस्थान मेें प्रसव करवाती है तो उसे ग्रामीण क्षेत्रों में 700 रुपये और शहरी क्षेत्रों के लिए 600 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, बीपीएल महिलाएं जो घर पर प्रसव करवाती हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की उन महिलाओं को 500 रुपये का प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।

प्रवक्ता ने कहा कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को सभी प्रोत्साहनों का भुगतान प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण तंत्र के माध्यम से किया जाता है, जिसके लिए आवश्यक जानकारी (आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण) प्रथम एएनसी पंजीकरण के समय प्राप्त की जाती है। जननी सुरक्षा योजना के सभी लाभार्थियों का विवरण जिसमें लाभार्थी का बैंक खाता, आधार कार्ड नम्बर से जुड़ा हुआ होना चाहिए से सम्बन्धित जानकारी को स्वास्थ्य कार्यकर्ता जैसे स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक आदि द्वारा आरसीएच पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।

उन्होंने कहा कि जिस संस्थान में प्रसव होता है, वह आरसीएच पोर्टल पर परिणाम अपलोड करता है और सम्बन्धित स्वास्थ्य अधिकारी जननी सुरक्षा योजना की प्रोत्साहन राशि लाभार्थी के बैंक में हस्तांतरित करने की सुविधा प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दिसम्बर, 2019 में जननी सुरक्षा योजना को जननी सुरक्षा प्लस में स्तरोन्नत किया है।

जननी सुरक्षा योजना प्लस पहल के तहत राज्य ने योग्य गर्भवती माताओं को प्रोत्साहन वितरित करने के लिए वित्तीय मापदण्डों को संशोधित किया गया है जिसके अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोत्साहनों के अलावा राज्य के बजट द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 400 रुपये और शहरी क्षेत्रों के लिए 500 रुपये का योगदान प्रदान किया जाता है।

इसलिए, जेएसवाई प्लस के अनुसार सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव करवाने वाली गर्भवती महिलाएं उम्र और बच्चों की संख्या के बावजूद ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 1100 रुपये के लिए पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार 700 रुपये और राज्य सरकार 400 रुपये तथा शहरी क्षेत्रों में भारत सरकार 600 रुपये और प्रदेश सरकार 500 रुपये का योगदान देती हैं।  गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं को घर पहुंचाने की सुविधा प्रदान करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 500 रुपये प्रदान किए जाते हैं। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 16354 गर्भवती महिलाओं ने जेएसवाई प्लस योजना का लाभ उठाया।

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