Afghanistan Crisis: तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से भारत आने वाले ड्राई फ्रूट के दाम 20 फीसदी तक बढ़े

  • अफगानिस्तान से आने वाले ड्राई फ्रूट्स में अंजीर, गिरी बादाम, पिस्ता, मुनक्का, किशमिश आदि शामिल

Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत के साथ होने वाले व्यापार पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। अफगानिस्तान से बड़ी तादाद में ड्राई फ्रूट भारत इंपोर्ट किये जाते हैं, तालिबान के कब्जे के बाद से ड्राई फ्रूट के दाम में इज़ाफ़ा देखने को मिल रहा है। पुरानी दिल्ली स्तिथ एशिया की सबसे बड़ी ड्राई फ्रूट और मसालों की मार्केट खारी बावली में व्यापारियों का कहना है कि बीते दिनों में ड्राई फ्रूट के दाम में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। अफगानिस्तान से आने वाले ड्राई फ्रूट्स में अंजीर, गिरी बादाम, पिस्ता, मुनक्का, किशमिश आदि शामिल हैं।

खारी बावली में ड्राई फ्रूट्स का थोक व्यापार करने वाले मोहित का कहना है कि अफगानिस्तान से अंजीर, मिठाइयों के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला पिस्ता, अखरोट, बादाम आता है। जो प्रोडक्ट काबुल से आ रहे हैं उस पर सबसे ज़्यादा असर है, अंजीर वगैरह कंधार से आते हैं तो कंधार के प्रोडक्ट पर उतना असर नहीं पड़ रहा है। कुछ दिनों के लिए फर्क ज़्यादा पड़ा था बाज़ार में दामो में फर्क आया था। लेकिन मुझे लगता है कि अगले 10-15 दिनों में स्थिरता आनी चाहिए। जैसे जैसे माल आना शुरू होगा काम वापस आराम से शुरू हो जाएगा।

दाम में आये फर्क के बारे में बताते हुए मोहित ने कहा अफगानिस्तान से आने वाले पिस्ता का दाम 1400-1500 रुपए किलो चल रहा था लेकिन अभी दाम 1900-2000 रुपए किलो हो गया है। दाम इसलिये भी बढ़ा है कि वहां पर फसल कम है। तालिबान के आने के बाद और असर पड़ गया. आज के समय के दाम अच्छे खासे बढ़ गए हैं। नई फसल अभी जबकि आनी है। पिस्ता के दाम अभी 100-200 रुपए और बढ़ सकते हैं। जीरा भी आता है वहां से उसके दाम भी बढ़े हैं। तालिबान की वजह से तो दाम पर असर पड़ा ही है, लेकिन इस साल पानी की कमी की वजह से अंजीर को छोड़कर फसल भी कम हुई।

ड्राईफ्रूट के थोक और रीटेल दोनों का ही काम करने वाले पंकज का कहना है कि अफगानिस्तान के जितने भी प्रोडक्ट हैं उनके दाम में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। बादाम, अंजीर मुनक्का पिस्ता इन सब के दामों पर असर पड़ा है। गुलबन्दी गिरी बादाम अफगानिस्तान से आता है, पहले ये करीब 720-760 रुपए प्रति किलो का हुआ करता था अब 860 रुपए प्रति किलो है। विमान से सारा आयात अभी बन्द हो गया है, ट्रांजिट से वाघा बॉर्डर से जो अभी आ पायेगा वही आएगा। जब तक सबकुछ सेटल नहीं हो जाता तब तक कोई राहत नहीं मिलती दिख रही।

रीटेल के एक दूसरे व्यापारी ने दाम में आये फर्क बताते हुए कहा कि अंजीर, मुनक्का, कंधारी किशमिश, गुलबन्दी गिरी इन सबके दामो में 200-300 रुपए प्रति किलो दाम में बढ़ोतरी हुई है। अंजीर पहले 650 रुपए में बेच रहे थे आज 960 में बेच रहे हैं। मुनक्का का दाम 400 से 600 हो गया है, गुलबन्दी बादाम पहले 650 का था अब 840 का हो गया है। पिस्ता 1800 का था अब 2400 का हो गया है।

व्यापारी पदम् गुप्ता का कहना है कि खुमानी, कंधार से आने वाली किशमिश, बादाम गिरी, अंजीर ये सब वहां से आने समान हैं। 20 फीसदी करीब रेट बढ़ ही गया है और कई चीजों में उससे ज़्यादा भी है। अंजीर जब 1200 रुपए किलो की थी उसका रेट 1500 किलो के करीब पहुच गया। मुनक्का पहले ही महंगा हो गया था तालिबान की स्तिथि के बाद 2000-3000 मुनक्का के दाम बढ़ गए हैं। बादाम का दाम 200-300 रुपए बढ़ गया है, किशमिश 150-200 रुपए प्रति किलो बढ़ गई थी। जो किशमिश 800 किलो थी वो अब 950 किलो हो गई। इस समय जो दाम बढ़े वो अफगानिस्तान के मौजूदा हालात की वजह से ही बढ़े। वहां से एक हींग आती है उसके भी दाम 4000-5000 रुपए किलो बढ़ गए हैं. जब तक वहां से माल आना नहीं शुरू होता तब तक तो दाम कम होने के आसार नहीं लग रहे।

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