राज्यपाल ने किया पोर्टमोर स्कूल का औचक निरीक्षण, छात्राओं ने किए प्रश्न

  • छात्राओं को पढ़ाया परिश्रम, अनुशासन, संस्कार और देशभक्ति का पाठ

रीना ठाकुर/शिमला: राज्यपाल स्कूल की कक्षा जमा एक में जाते हैं। इतिहास की कक्षा में छात्राओं के साथ बैठकर संबंधित विषय पर चर्चा होती है और फिर सामान्य प्रश्न-उत्तर। छात्राओं के लिए यह अनुभव कुछ हटकर था कि राज्यपाल उनकी कक्षा में आकर एक अध्यापक की तरह उन्हें पढ़ाने लगते हैं।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर का औचक निरीक्षण किया। उनके जाने की जानकारी न तो स्कूल प्रशासन को थी और न ही राज्यपाल के काफिले को। प्रधानचार्य अवकाश पर थे। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर भी उनके साथ थे। राज्यपाल सीधे जमा दो कक्षा में गए और छात्राओं से जानकारी लेनी शुरू की। चूंकि, यह इतिहास की कक्षा थी, इसलिए प्रश्न भी इतिहास से संबंधित थे। विषय से हटकर उन्होंने स्कूल की सांस्कृतिक गतिविधियों एवं खेल गतिविधियों की जानकारी भी ली। मानव उत्पत्ति से लेकर दुनिया एक गांव जैसे पूछे गए प्रश्नों का छात्राओं ने बेबाकी से उत्तर दिया। कक्षा की छात्रा प्रियंका ने ‘खुशबू के पल कहां ढूंढूं’ गीत गाकर राज्यपाल का स्वागत किया। इसके पश्चात्, वह जमा एक (विज्ञान) की कक्षा में भी गए।

एक छात्रा हर्षिता ने राज्यपाल से उनके स्कूली जीवन के बारे में पूछा। इसके अलावा, दिशा, शिवानी, दिव्या इत्यादि छात्राओं ने कई प्रश्न किए और अपनी समस्याएं भी बताईं। इनमें ज्यादातर छात्राओं ने बताया कि वह टुटू, मल्याणा, संजौली, शोघी व ठियोग से यहां पढ़ने आती हैं। उन्हें सरकारी बस सुविधा की कमी है। कुछ ने शौचालयों के बेहतर रखरखाव की बात कही। राज्यपाल ने छात्रावास और लाईब्रेरी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने छात्रावासों को हवादार बनाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के पश्चात्, राज्यपाल ने स्कूल की छात्राओं को संबोधित भी किया। उन्होंने इस अवसर पर स्कूल को विभिन्न गतिविधियों के लिए पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कि जो बच्चा निजी स्कूलों के मुकाबले परीक्षा परिणाम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा उसे एक लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा।

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