सिरमौर: धारटीधार इलाके की नावणी पंचायत के जमटा में बुधवार सुबह करीब 10 बजे छात्रों और स्थानीय ग्रामीणों ने डेढ़ घंटा चक्का जाम किया। इस दौरान प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। नाहन-रेणुका सड़क पर जिला मुख्यालय नाहन से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जमटा गांव में छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। एक माह से जमटा बस स्टॉप पर सरकारी बसें न रुकने से गुस्साए ग्रामीणों ने हिमाचल पथ परिवहन निगम और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान सड़क के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। पुलिस को मामले की जानकारी मिलते ही एसएचओ नाहन मानवेंद्र ठाकुर टीम के साथ मौके पर पहुंचे। हालांकि, उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की लेकिन, प्रदर्शनकारी अतिरिक्त बस सेवा शुरू करने की मांग पर अड़े रहे।
करीब डेढ़ घंटे बाद पुलिस के हस्तक्षेप और निगम प्रबंधन से बात करने के बाद जाम खोला गया। जाम के चलते नाहन और ददाहू की ओर जाने वाली बसों में भी सैकड़ों यात्री फंसे रहे। यहां तक कि दोपहिया वाहनों को भी गंतव्य तक नहीं जाने दिया।
स्थानीय लोगों और आईटीआई के छात्रों ने बताया कि पिछले एक माह से वे परेशानी का सामना कर रहे हैं। निगम की कोई भी बस जमटा में नहीं रुक रही है। चालान के डर से एचआरटीसी के चालक और परिचालक सीट क्षमता के अलावा किसी भी सवारी को बस में नहीं बैठा रहे हैं। ऐसे में छात्र समय पर आईटीआई, कॉलेज, डाइट और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। कक्षाएं छूट रही हैं। बसों में सफर के लिए छात्रों के पास बने हैं।
यही हाल सरकारी कर्मियों और कामकाजी लोगों का भी है। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार को ओवरलोडिंग पर शिकंजा कसने से पहले अतिरिक्त बस सुविधा भी मुहैया करवानी चाहिए थी। रूटों पर बसों की भारी कमी चल रही है। उधर, एसएचओ मानवेंद्र ठाकुर ने बताया कि पुलिस पहुंचने के कुछ समय बाद जाम बहाल कर दिया था। उन्होंने बताया कि बसों में छात्रों को न बैठाने पर जाम लगाया गया था। इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं बहाल रखी गई थीं।