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कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई उसे ले डूबेगी: भाजपा

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्रियों महेन्द्र सिंह ठाकुर और सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई इस चुनाव में उसे ले डूबेगी। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खु को पार्टी ने स्टार प्रचारक सूची से इस तरह निकाल फेंका जैसे दूध से मक्खी। अब कांग्रेस आलाकमान प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर से जवाब-तलब कर रही है। यह बात आज प्रेस विज्ञप्ति के मध्यम से कैबिनेट मंत्रियों महेन्द्र सिंह ठाकुर और सुरेश भारद्वाज ने कही।

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह लगातार सुखराम को “आया राम गया राम“ बताकर मण्डी में उनके पोते कांग्रेस उम्मीदवार आश्रय शर्मा को लगातार कमजोर बना रहे हैं। कांग्रेस हार के डर से फोन टेप करने जैसे बेबुनियाद आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की समझदार जनता प्रदेश में केंद्र की मदद से चलाए जा रहे विकास कार्यों को जारी रखने के लिए दुबारा नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनवाएगी।

सिंचाई, जन स्वास्थ्य और बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर तथा शिक्षा एवं कानून मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा और वीरभद्र सिंह खेमा एक-दूसरे पर वार करने का कोई मौका नहीं चूक रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुक्खु को स्टार प्रचारक की सूची से निकाल बाहर करना और पार्टी आलाकमान का राठौर से जवाब-तलब करना बताता है कि पार्टी में कुछ भी ठीक नहीं है। कांग्रेस के आम कार्यकर्ता भाजपा की मजबूत स्थिति और देश भर में चल रही मोदी लहर से पहले ही हताश हैं। प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में मचा घमासान उनका मनोबल गिरा रहा है।

ठाकुर एवं भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर अब तक के सबसे कमजोर अध्यक्ष साबित होंगे। उन्होंने पार्टी में सबको साथ लेकर चलने की बजाय एक गुट का नेता बनना पसंद किया। इससे सुक्खु और आनंद शर्मा के समर्थक अपने ही उम्मीदवारों के खिलाफ काम कर रहे हैं, इससे भाजपा को सीधा फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि राठौर और आनंद शर्मा की जंग पार्टी पर भारी पड़ेगी।

कैबिनेट मंत्रियों का कहना है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह अपनी साफगोई के लिए जाने जाते हैं। मण्डी संसदीय क्षेत्र से आश्रय शर्मा के लिए बेमन से प्रचार को निकले वीरभद्र सिंह के बयानों का यदि विश्लेषण किया जाए तो पता चलता है कि सुखराम पर वार करके वो कांग्रेस उम्मीदवार को कमजोर कर रहे हैं। वे बार-बार कह रहे हैं कि सुखराम को माफ करने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि सुखराम कांग्रेस को बहुत नुक्सान पहुंचाया है। ऐसे में वीरभद्र सिंह की मदद के बिना आश्रय शर्मा का बेड़ा पार नहीं हो सकता।

                उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक मुकेश अग्निहोत्री ने हमीरपुर सीट से हार के डर से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया और रामलाल ठाकुर को बली का बकरा बना दिया। यह तय है कि अपने विधासनभा क्षेत्र हरोली तक से मुकेश अग्निहोत्री कांग्रेस को बढ़त नहीं दिला पाएंगे। यही हाल सभी कांग्रेस विधायकों के हलकों में होने वाला है। इसलिए कांग्रेस नेताओं ने बड़े पैमाने पर हताशा और बौखलाहट है। उन्हें पता है कि हिमाचल इस बार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ चलेगा।

                उनका कहना है कि राठौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने नाते अपनी नाकामियां छिपाने के लिए सरकार पर अभी फोन टेप करने का बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। यह भी तय है कि 23 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद वो हार का ठीकरा ईवीएम पर फोडे़ंगे।

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