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कुल्लू : मणिकर्ण के छलाल व धुंधी में बादल फटा, 6 परिवारों की जमीन के साथ खड़ी फसल बही

कुल्लू : प्रदेश के जिला कुल्लू में इस साल बरसात के मौसम में बादल फटने का क्रम लगातार जारी है। मणिकर्ण घाटी में छलाल व मनाली के धुंधी में गत रात बादल फटने से अफरा-तफरी मच गई। पार्वती घाटी के छलाल व रशोल गांव के आसपास और ऊझी घाटी के धुंधी में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। देर रात करीब दो बजे रशोल गांव की पहाड़ियों में बादल फटने से हुई घटना से पूरी मणिकर्ण घाटी में अफरा तफरा मच गई। बादल फटने के कारण 6 परिवारों की जमीन के साथ खड़ी फसल भी बह गई। वहीं मनाली के धुंधी में AFCON कंपनी के पानी के पंपों को नुकसान पहुंचा है। बादल फटने से हुए नुकसान के आकलन के लिए जिला प्रशासन की तरफ से राजस्व विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेज दिया है। दरअसल रात ढाई बजे के करीब रशोल व छलाल गांवों में बादल फटने से 9 घराट व एक हट पूरी तरह नष्ट हो गए है।

बादल फटने के बाद पानी का तेज बहाव निचले क्षेत्र छलाल में पहुंचा वहां पर भी परिवारों को जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। इसकी जानकारी एसडीएम कुल्लू अमित गुलेरिया ने दी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित ग्रामीणों को प्रशासन की तरफ से उचित मुआवजा दिया जाएगा।

वहीं शिमला जिला के तहत रामपुर उपमंडल के सबसे दूर दराज कूट पंचायत के कंडे में शुक्रवार सायं बादल फटने से आधा दर्जन से अधिक गांव को जोड़ने वाले पुल बह गए है। जब कि पंचायत के 4 गांव के लोग देश दुनिया से पूरी तरह कट गए हैं। इन गांव में आने जाने वाले वाहन एवं पैदल मार्ग सभी ध्वस्त हो गए है। कूट पंचायत के भेड़ पालक मवेशियों के साथ कंडे गए हैं। लेकिन उनके सकुशल है या नहीं कोई पता नहीं चल पाया है। दूसरा कंडे से गांव आने का रास्ता भी पूरी तरह कट चुका है।

कूट पंचायत के प्रधान विजय माटेट ने बताया कि कंडे में करीब अढ़ाई हजार भेड़-बकरियां स्थानीय लोगों की है। उनके साथ गए लोगों व भेड़-बकरियां सकुशल है या नहीं कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि गांव से कुछ लोगों को वहां भेजा जाए।

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