- एसजेवीएन की कामयाब एवं साहसपूर्ण कोशिशों से सभी चारों कामगारों को सुरक्षित बचाया
शिमला : बीते 15 जून की रात लगभग 8:30 बजे एसजेवीएन लिमिटेड की नेपाल में निर्मित की जा रही अरुण-3 जलविद्युत परियोजना के एडिट-I को जाने वाली एप्रोच सड़क पर भू-स्खलन की एक बड़ी घटना घटित हुई। इस भू-स्खलन के कारण सुरंग का पोर्टल बड़ी-बड़ी चट्टानों और मलबे से अवरुद्ध हो गया। जय प्रकाश एसोसिएट्स लि.कपंनी के चार कामगार सुरंग के अंदर फंस गए। एसजेवीएन ने आधे घंटे के अंदर राहत कार्य शुरू कर दिए। 15 जून की रात को लगातार बारिश होती रही जिसके कारण राहत कार्यों में अड़चन आई। तब सुरंग के अंदर फंसे कामगारों से संपर्क स्थापित नहीं हो सका। यह पता नहीं लग सका कि कितनी मात्रा में चट्टानें और मलबा सुरंग के अंदर घुस गया है और फंसे हुए कामगार जीवित हैं या नहीं। भारी मात्रा में मलबा आने के कारण नूम खोला (एक छोटी नदी) के ऊपर पुल का दायां जोड़ ढह गया। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बड़ी मात्रा में भू-स्खलन हुए हैं।
16 जून को भी बारिश होती रही लेकिन राहत कार्य पूरे जोर से चलते रहे जिसके अंतर्गत जैक हैमर और अन्य मशीनरी के साथ तीन एक्सकेवेटर, दो ब्रेकर और एक कंप्रेशर काम में लगाए गए। 16 जून की शाम को लगभग 5:30 बजे नूम खोला में बाढ़ आ गई जिसके कारण राहत कार्य रोकने पड़े। बाढ़ का स्तर कम होने के बाद दोबारा राहत कार्य शुरू किया गया। लगभग 39 घंटे के निरंतर राहत कार्य के बाद 17 जून को सुबह 11:00 बजे चारों कामगारों को सुरक्षित बचा लिया गया। उसके उपरांत डॉक्टरों ने इन चार कामगारों की मेडिकल जांच की और उन्हें स्वस्थ पाया।
उल्लेखनीय है कि राहत कार्यों के दौरान स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नूम की एक डॉक्टर और अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ से युक्त टीम को तैनात किया गया था। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए काठमांडू में एक हेलिकॉप्टर भी बिल्कुल तैयार रखा गया था। स्थानीय लोगों के सहयोग और समर्थन के साथ एसजेवीएन की कामयाब एवं साहसपूर्ण कोशिशों से सभी चार कामगारों को सुरक्षित ढंग से बचा लिया गया।