- कांग्रेस मंत्रियों ने दिया प्रधानमंत्री की बहुचर्चित परिवर्तन रैली को प्रदेश के लोगों के लिए एक बड़ी निराशा करार
शिमला: सिचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स, स्वास्थ्य मंत्री कौल सिहं ठाकुर, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री जी.एस. बाली, उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री और शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा द्वारा 19 अक्तूबर, 2016 को शिमला से जारी प्रेस वक्तव्य के माध्यम से मंगलवार को मंडी में आयोजित प्रधानमंत्री की बहुचर्चित परिवर्तन रैली को प्रदेश के लोगों के लिए एक बड़ी निराशा करार दिया है क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री के पहले दौरे से बहुत उम्मीदें थीं और प्रदेश के लिए कुछ घोषणाओं की अपेक्षा रख रहे थे।
आज यहां जारी एक संयुक्त बयान में इन मंत्रियों ने कहा कि रैली को लेकर आसमानी दावे करने वाले प्रदेश भाजपा नेताओ को रैली में आशा से बहुत कम भीड़ का पचा पाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत आश्चर्यजनक है कि प्रधानमंत्री ने राज्य के विकास का श्रेय केवल भाजपा के मुख्यमंत्रियों को दिया, लेकिन जान-बूझकर वीरभद्र सिंह के योगदान का जिक्र तक नहीं किया, जो रिकार्ड छठी बार मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने कहा कि राज्य का अभूतपूर्व विकास एक दिन में हासिल नहीं हुआ है और यह ज्यादातर समय सत्ता में रहीं कांग्रेस सरकारों के दृढ़संकल्प और विकासोन्मुखी नीतियों एवं कायक्रमों का ही नतीजा है कि आज हिमाचल प्रदेश देश के विकसित राज्यों में गिना जाता है।
स्टोक्स, ठाकुर, बाली, अग्निहोत्री तथा शर्मा ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि राज्य के लिए कुछ घोषणाएं करने की बजाए प्रधानमंत्री ने राज्य के लिए जारी धनराशि को गिनाया, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वाभाविक प्रक्रिया है और विकास के लिए केन्द्र से प्रत्येक राज्य को अपना न्यायसंगत हिस्सा प्राप्त करता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा 72,000 करोड़ रुपये के अनुदान का जिक्र करना कोई नई बात नहीं है और यह राज्य का वैधिक हिस्सा है। इस धनराशि का प्रावधान 14वें वित्त आयोग के अन्तर्गत वर्ष 2019 तक किया गया है। मंत्रियों ने कहा कि प्रधानमंत्री के ये दावे तथ्यों के विपरीत हैं। पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस कार्यक्रम इत्यादि जैसी केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं को समाप्त करना तथा त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम एवं खाद्य प्रबन्धन कार्यक्रमों के अन्तर्गत आबंटन में कमी किए जाने से राज्य को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वर्ष 2015 से 2020 तक पांच वर्षों में राज्य के लिए केन्द्रीय अनुदान में कमी के कारण कुल मिलाकर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। राज्य के लिए केन्द्रीय करों के हस्तांतरण में पिछले दो वर्षों के दौरान आई कमी के कारण राज्य को 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। अगर भाजपा नेता राज्य के सच्चे हितैषी होते तो केन्द्र से राज्य के लिए तुरंत धनराशि जारी करने की सिफारिश करते। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए 61 नये राष्ट्रीय मार्ग देने का भाजपा का दावा महज एक राजनीतिक घोषणा है क्योंकि अभी तक राज्य सरकार को केन्द्र से इन सड़कों के लिए एक भी पैसा प्राप्त नहीं हुआ है।
केन्द्र ने इन सड़कों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए 170 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि को भी स्वीकृति नहीं दी है। यही नहीं, कुछ भाजपा नेता राजनीतिक उद्देश्यों के लिए राज्य की कुछ परियोजनाओं को बाधित कर रहे हैं। स्वां नदी तटीकरण के कार्य को रोक दिया गया है, राज्य के लिए आईआईआईटी तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालय भी अभी तक अधर में लटके हैं, बिलासपुर में एम्स की आधारशिला में भी विलंब किया जा रहा है लेकिन भाजपा नेता केन्द्र में भाजपा नेतृत्व की एनडीए सरकार के बारे में बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक सम्माननीय पद पर बैठा व्यक्ति इस हद तक चला गया कि मुख्यमंत्री, जो साढ़े पांच दशकों से अधिक समय से सार्वजनिक जीवन में हैं, के विरूद्ध एक सार्वजनिक मंच से आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं। वीरभद्र सिंह देश में प्रख्यात कांग्रेस नेताओं में से हैं तथा राज्य में एक स्थिर कांग्रेस सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। राज्य में उनके सशक्त नेतृत्व में कांग्रेस सरकार राज्य के विकास और लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने ‘मिशन रिपीट’ का नारा दिया था जिसे राज्य के लोगों ने ‘मिशन डिफीट’ में बदल दिया। इस बार भी भाजपा की ‘परिवर्तन रैली’ का भी यही हश्र होगा, क्योंकि लोग भाजपा के कारनामों से भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह रैली संभवतः प्रदेश भाजपा में ‘परिवर्तन’ के लिए आयोजित की गई थी।
मंत्रियों ने भाजपा नेताओं को मशविरा दिया कि मोदी का गुणगान करने की बजाए केन्द्र से राज्य के वैधिक हिस्से की बात करनी चाहिए क्योंकि राज्य सरकार की ओर से प्रधानमंत्री को प्रदेश के लिए विभिन्न उचित मांगों के सम्बन्ध में 12 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया है। राज्य की इन मांगों में पारिस्थितिकीय सेवाओं के लिए कम से कम एक हजार करोड़ सालाना क्षतिपूर्ति अनुदान, पंजाब तथा हरियाणा से 3997 करोड़ रुपये के ऊर्जा एरियर दावों की अदायगी, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शुद्ध वर्तमान मूल्य की अदायगी इत्यादि शामिल हैं। अगर वे राज्य तथा इसके लोगों के सच्चे हितैषी हैं तो उन्हें केन्द्र से इन मुद्दों को गंभीरतापूर्वक उठाना चाहिए।