आयुर्वेद की बड़ी प्रयोगशालाएं स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए : राज्यपाल

शिमला : राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आयुर्वेद प्रणाली पर सघन अनुसंधान कार्य पर बल देते हुए कहा कि आयुर्वेदिक विभाग को प्रदेश में बड़ी प्रयोगशालाएं स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए, ताकि प्रदेश के लोगों को कम लागत पर बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधा उपलब्ध हो सके। राज्यपाल आज राजभवन में आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह की अध्यक्षता में आयुर्वेदिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वार्तालाप कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गम्भीर बिमारियों के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चिकित्सा क्षेत्र में तत्काल सघन अनुसंधान कार्य की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा प्रणाली में आयुर्वेद सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है और आयुर्वेदिक चिकित्सकों पर लोगों के स्वस्थ जीवन व बिमारियों के उपचार की बड़ी जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि यह सभी द्वारा माना गया है कि आयुर्वेद के माध्यम से लाईलाज बिमारियों का उपचार संभव है और आयुर्वेद का ज्ञान पूरी तरह से शरीर, दिमाग, इच्छा, भावनाएं व मनोविज्ञान पर आधारित है।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रकृति ने हिमाचल प्रदेश को विविध वन सम्पदा से नवाजा गया है और यहां पर दुर्लब जड़ी-बुटियां उपलब्ध है, जिनका लोगों के लाभ के लिए आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में दोहन किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने विभाग को प्रयोगशालाएं स्थापित करने व आयुर्वेदिक स्वास्थ्य संस्थानों में अधोसंरचनात्मक सुविधाएं बढ़ाने के लिए एक विस्तृत परियोजना तैयार करने की भी सलाह दी। आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह ने कहा कि प्रदेश में आयुर्वेदिक प्रयोगशालाएं स्थापित करने संबंधी परियोजना तैयार करने के लिए परामर्श समिति का गठन किया जाएगा, जिसे सरकार भारत सरकार को वित्तीय सहायता के लिए भेजेगी। उन्होंने कहा कि पारम्परिक वैदों की सूची तैयार की जाएगी और उनके कार्य को आगामी अनुसंधान कार्यों में शामिल किया जाएगा।

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