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अपनी संपति किसी अन्य को देना यानि “हस्तांतरण” (ट्रान्सफर) संबंधी जानकारी

अपनी संपत्ति को उपहार के रूप में अपने किसी रिश्तेदार या तीसरे व्यक्ति को भेंट कर देना या नाम कर देना कहलाता है संपत्ति हस्तांतरण (ट्रान्सफर)।

अपनी संपत्ति को उपहार के रूप में अपने किसी रिश्तेदार या तीसरे व्यक्ति को भेंट कर देना या नाम कर देना कहलाता है संपत्ति हस्तांतरण (ट्रान्सफर)।

अपनी संपत्ति को उपहार के रूप में अपने किसी रिश्तेदार या तीसरे व्यक्ति को भेंट कर देना या नाम कर देना कहलाता है संपत्ति

अधिवक्ता - रोहन सिंह चौहान

अधिवक्ता – रोहन सिंह चौहान

हस्तांतरण (ट्रान्सफर)।  इसी के तहत इस बार अधिवक्ता रोहन सिंह चौहान के माध्यम से हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं:

  • कैसे करें अचल संपत्ति को उपहार के रूप में भेंट

अचल संपत्ति का मालिक अपनी संपत्ति को उपहार के रूप में अपने किसी रिश्तेदार या तीसरे व्यक्ति को भेंट कर सकता है। उपहार देने वाले व्यक्ति को दाता तथा उपहार पाने वाले व्यक्ति को ग्रहीता कहतें हैं। एक उपहार मान्य तभी होगा जब व्यक्ति उसे अपनी इच्छा से और बिना किसी प्रतिफल के भेंट करता है अथवा देता है। लेकिन ग्रहीता द्वारा उपहार का स्वीकार करना आवश्यक है तभी ये मान्य होगा। उपहार दाता और ग्रहीता के जीवनकाल में ही दिया और स्वीकार होना चाहिए । ग्रहीता की स्वीकृति गिफ्ट डीड के माध्यम से दिखलाई जाती है। इसके लिए दोनों पक्षों के हस्ताक्षर कम से कम दो गवाहों की उपस्तिथि में अनिवार्य हैं।

  • गिफ्ट डीड
  • उपहार पाने वाले की मृत्यु के बाद सम्पति दाता के उतराधिकारियों को प्राप्त हो जाती है

इस दस्तावेज़ से आप संपत्ति को उपहार के माध्यम से बिना पैसे के लेन देन के भेंट कर सकते हैं । एक उपहार पूर्ण या सीमित हो सकता है। पूर्ण हंस्तंत्रण में उपहार पाने वाले व्यक्ति को संपत्ति का पूर्ण अधिकार प्राप्त हो जाता है। सीमित हंसतंत्रण में उपहार पाने वाले की मृत्यु के बाद सम्पति दाता के उतराधिकारियों को प्राप्त हो जाती है । इस दस्तावेज़ का इस्तेमाल कर चोरी या अवैध लाभ के लिए न करें।

  • उपहार देने की प्रक्रिया को निम्न प्रकार से विभाजित किया जा सकता है:
  • गिफ्ट डीड मसौदा आप क्या हंस्तान्त्रित कर रहे हैं, किसे कर रहे हैं, इत्यादि का उल्लेख करें ।
  • स्वीकृति उपहार पाने वाले व्यक्ति को दाता के जीवनकाल के दौरान उपहार स्वीकार करना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करता तो उपहार मान्य नहीं होगा। एक बार अगर वैध उपहार स्वीकार कर लिया जाता है तो उसे रद्द नहीं किया जा सकता। उपहार की स्वीकृति अस्पष्ट भी हो सकती है। उदाहरण के लिए यदि उपहार पाने वाला रजिस्टर में संपत्ति का नाम बदलता है या सम्पति से किराया प्राप्त करना शुरू कर देता है तो तो इसे स्वीकृति ही माना जाएगा।
  •  हंस्तंत्रण:
गिफ्ट डीड का पंजीकरण अनिवार्य

गिफ्ट डीड का पंजीकरण अनिवार्य

अचल संपत्ति का हंस्तंत्रण केवल लिखित दस्तावेज़ के माध्यम से ही हो सकता है। मौखिक हंस्तंत्रण वैध नहीं माना जएगा चाहे वो पंजीकृत भी हो। अगर आप चल सम्पति को हंस्तान्त्रित करना चाहते हैं तो इसके लिए इसे पाने वाले के हवाले करें या उसके नाम पर पंजीकृत करवा दें।

अगर उपहार दो या दो से ज्यादा व्यक्तियों ने दिया है और उनमें से एक मना कर देता है तो संपत्ति में उसके हिस्सा का उपहार वैध नहीं माना जाएगा।

  •  पंजीकरण:

गिफ्ट डीड का पंजीकरण अनिवार्य है। अगर आप गिफ्ट डीड को पंजीकृत नहीं करवाते तो इससे आपका उपहार अमान्य नहीं हो जाता परन्तु आप अपंजीकृत गिफ्ट डीड को न्यायालय में सबूत के तौर पर पेश नहीं कर सकते। इसलिए गिफ्ट डीड का उप रजिस्ट्रार के समक्ष पंजीकृत होना आवश्यक है। गिफ्ट डीड पर स्टाम्प ड्यूटी राज्य के हिसाब से निरधारित की जाती है। अगर आप गैर रिश्तेदार को संपत्ति हंस्तान्त्रित कर रहे हैं तो स्टाम्प ड्यूटी अधिक लगेगी ।

  •  नाबालिग के मामलों में:

अगर दाता नाबालिग है तो गिफ्ट डीड कानूनी रूप से मान्य नहीं मानी जाएगी

अगर उपहार पाने वाला नाबालिग है तो उसका प्राकृतिक अभिवावक उसकी ओर से उपहार स्वीकार कर सकता है । व्यस्क होने पर वह उपहार को स्वीकार या वापिस कर सकता है।

  • गिफ्ट डीड के फायदे:

अगर आप कुछ चयनित सगे सम्बन्धियों को गिफ्ट डीड कर रहें हैं जैसे पति-पत्नी के बीच या आपके माता पिता के भाई-बहिन इत्यादि तो इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालाँकि आपको स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी जो राज्य के हिसाब से अलग-अलग होती है।

 

उपहार जो कर से मुक्त हैं:

  • भारत से बाहर स्थित अचल सम्पति के उपहार
  • एक अनिवासी भारतीय द्वारा एक निवासी रिश्तेदार को विदेशी मुद्रा का उपहार जो की विदेश से प्रेषित हो
  • अनिवासी भारतीय द्वारा अपने अनिवासी (बाह्य ) खाते से उपहार
  • अनिवासी भारतीय के द्वारा विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति का उपहार
  • केंद्र सरकार के द्वारा जारी किये गए बचत प्रमाण पत्र जिनमे सरकार के द्वारा छूट दी गयी है

विशेष वाहक बांड 1991 का उपहार:

  • पूंजी निवेश का उपहार एक व्यक्ति द्वारा या हिन्दू अविभाजित परिवार के द्वारा अधिकतम 10,00,000 रूपये प्रति वर्ष
  • राहत बांड का उपहार व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार के द्वारा
  • अनिवासी भारतीय द्वारा दिए गए बांड जो केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट किये गए हों व् जो विदेशी मुद्रा में अभिदा हों
  • किसी भी सरकार या प्राधिकारी के लिए उपहार
  • धर्मदान के लिए स्थापित कोई भी फण्ड या संस्था
  • किसी भी अधिसूचित मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, चर्च या पूजा का कोई अन्य स्थल

उपहार जो की 1,00,000 रूपये से अधिक न हो अपने किसी आश्रित रिश्तेदार की शादी के मौके पर:

  • वसीयत के तहत दिया गया उपहार
  • बच्चों की शिक्षा के लिए उचित उपहार
  •  एक कर्मचारी या मृतक कर्मचारी पर आश्रितों को उचित बोनस, पेंशन इत्यादि का उपहार
  • भूदान या संपत्तिदान आन्दोलन का अधिकारी व्यक्ति को उपहार जेसा केंद्र सरकार द्वारा सूचित किया गया हो
  • त्याग दस्तावेज़” :आप इस दस्तावेज़ का उपयोग तब कर सकतें हैं अगर आपको किसी विशेष संपत्ति में अपने अधिकार किसी अन्य सह मालिक को हंस्तान्त्रित करने हैं । इस दस्तावेज़ पर भी दोनों पक्षों के दस्तखत होना आवश्यक है। हालाँकि गिफ्ट डीड की तरह इस दस्तावेज़ पर सगे सम्बन्धियों के लिए कोई विशेष योजना नहीं है।त्याग दस्तावेज़ का फायदा: इस दस्तावेज़ से आप संयुक्त संपत्ति में अपना हिस्सा हंस्तान्त्रित कर सकतें हैं । इसका मुखयतः इस्तेमाल तब किया जाता है जब व्यक्ति की बिना वसीयत के मृत्यु हो जाती है और संपत्ति सभी वारिसों को प्राप्त हो जाती है ।

 

 

 

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