शिमला: परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को निकालने के लिए हवाई एम्बुलैंस सुविधा प्रदान करने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया है, ताकि इस प्रकार की दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को कम करने के लिए समय पर चिकित्सा उपचार सुविधा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के संदर्भ में सड़क इंजीनियरिंग तकनीक तथा विशेष रूप से तैयार किए जाने वाले पैरामीटरों के स्तरोन्नयन की आवश्यकता है। बाली आज नई दिल्ली में पहाड़ी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के मुद्दों का समाधान करने के उद्देश्य से ‘मंत्रियों के समूह’ की एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इस समूह का गठन सड़क परिवहन, उच्च मार्ग एवं जहाजरानी मंत्रालय द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के मुद्दों का समाधान करने के लिए किया गया है।
पर्वतीय क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली तथा चुनौतियों से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए बाली ने कहा कि देश में सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में आम जनमानस में जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता अभियान में स्कूली बच्चों को शिक्षित करने पर बल दिया जाना चाहिए तथा स्वयंसेवी संस्थाएं एवं सिविल सोसायटी समूह भी अह्म भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने इस अभियान को और कारगर बनाने के लिए केन्द्र सरकार से पर्याप्त धनराशि प्रदान करने का आग्रह किया।
बाली ने बल देते हुए कहा कि पहाड़ी राज्यों में सड़क परिवहन उपक्रमों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है तथा मंत्रालय को प्राथमिकता के आधार पर धनराशि उपलब्ध करवानी चाहिए, ताकि पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को आरामदायी व सुविधाजनक परिवहन सुविधा प्रदान की जा सके और वाहनों की खराब हालत के कारण संभावित दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोटरों एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए परमिट जारी करने के लिए विशेषकर असम, त्रिपुरा, मणिपुर व मेघालय के लिए एक साझा मंच प्रदान करने की भी आवश्यकता है।
मंत्रियों के समूह ने परिवहन के अतिरिक्त साधन जिनसे सड़क सुरक्षा बढ़ेगी, प्रदान करने के लिए रज्जू मार्गों, गंडोला तथा हैलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान करने की मांग उठाई।
राष्ट्रीय उच्च मार्ग के सचिव संजय मित्रा ने देश में सड़क सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए जारी किए गए मंत्रालय के दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के लिए आवंटित धन राशि का 10 प्रतिशत सड़क सुरक्षा उपायों को अपनाने पर खर्च करना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने विभिन्न पर्वतीय राज्यों के प्रतिभागियों को अपने संबंधित राज्यों में नोडल एजेंसी बनाने के लिए आगे आने का आग्रह किया ताकि सड़क दुर्घटनाओं से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें। बैठक में पर्वतीय राज्यों में यातायात की सुगम आवाजाही के लिए क्षेत्रीय परमिट प्रणाली के सृजन का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
प्रधान सचिव परिवहन संजय गुप्ता तथा परिवहन आयुक्त डा. सुनील चौधरी, परिवहन विभाग व परिवहन निगम के अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे। मंत्रियों के समूह ने नीतिन गड़करी से की भेंटः इसके पश्चात, परिवहन मंत्री जी.एस. बाली की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नीतिन गड़करी से भेंट की तथा उन्हें बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने मंत्रियों के समूह के प्रयासों की सराहना की तथा आशा जाहिर की कि समूह राष्ट्रीय स्तर की परिवहन नीति बनाने में व्यापक सुझाव देगा। इस समूह की अगली बैठक असम में आयोजित की जाएगी।