शिमला: के.के. पंत ने जियोडेटिक एसेट्स रजिस्टर और जियोडेटिक मैप का किया विमोचन
शिमला: के.के. पंत ने जियोडेटिक एसेट्स रजिस्टर और जियोडेटिक मैप का किया विमोचन
शिमला: अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व के.के. पंत ने आज यहां भू-स्थानिक निदेशालय पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के निदेशक गौरव कुमार सिंह द्वारा प्रस्तुत हिमाचल प्रदेश के जियोडेटिक रजिस्टर और जियोडेटिक मैप का विमोचन किया। इस अवसर पर विशेष सचिव डी.सी. राणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। प्रदेश के जियोडेटिक अधोसंरचना को इस रजिस्टर में छः श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें सतत संचालन संदर्भ स्टेशन (कन्टीन्यूस ऑप्रेटिंग रैफ्रेंस स्टेशनज), ग्रेट ट्रिग्नोमैट्रिक सर्वे स्टेशनज, ग्राउंड कन्ट्रोल प्वायंट्स, मैग्नेटिक रैफ्रेंस स्टेशनज, ग्रैविटी रैफ्रंेस स्टेशनज और लैवलिंग बैंच मार्क शामिल हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि जियोडेटिक रजिस्टर के अलावा हिमाचल प्रदेश के जियोडेटिक एसेट्स मानचित्र को तैयार किया गया है जिसमें प्रदेश के एसेट्स के बारे में बताया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थितियों के दृष्टिगत जियोडेटिक एसेट्स रजिस्टर और मैप की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। हिमाचल प्रदेश आपदा के दृष्टिगत एक संवेदनशील राज्य है। यह रजिस्टर और मैप प्रभावशाली आपदा न्यूनीकरण योजनाएं बनाने में सहायक साबित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण अनुकूल अधोसंरचना के निर्माण को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। इसके दृष्टिगत यह रजिस्टर पर्यावरण अनुकूल और सुनियोजित अधोसंरचना निर्माण में भी मददगार साबित होंगे। प्रदेश में वैज्ञानिक अनुसंधान और योजना क्षेत्र में भी यह मील पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजस्व विभाग द्वारा आधुनिक तकनीकों का व्यापक स्तर पर उपयोग किया जा रहा है। राजस्व क्षेत्र में लोगों को पारदर्शी और त्वरित सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। प्रदेश में गांव के नक्शे, भू-नक्शा पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं। भू-नक्शा और स्वामित्व परियोजनाओं में भी इस सुविधा का उपयोग किया जा रहा है।