स्थानीय व्यापारी विरोधी निजी मेले की अनुमति रद्द जनता की आवाज़ पर बड़ा फैसला – राकेश जम्वाल
स्थानीय व्यापारी विरोधी निजी मेले की अनुमति रद्द जनता की आवाज़ पर बड़ा फैसला – राकेश जम्वाल
सुंदरनगर : सुंदरनगर में व्यापारी हितों के खिलाफ दिए गए निजी मेला आयोजन की अनुमति के मुद्दे पर क्षेत्र में मचे भारी विरोध के बाद, विधायक राकेश जमवाल की हस्तक्षेप से बड़ा प्रशासनिक निर्णय सामने आया है। जवाहर पार्क में मात्र ₹3,41,000 में 31 दिनों के लिए दिए गए इस निजी मेले ने न केवल स्थानीय कारोबारियों में असंतोष पैदा किया था, बल्कि अनुमति प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े हुए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर परिषद की विशेष बैठक में इस अनुमति को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया।
बैठक के उपरांत विधायक राकेश जमवाल ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल भी मुझसे मिला और पूरे प्रकरण की गंभीर शिकायत दर्ज करवाई। जब मैंने नगर परिषद अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने स्पष्ट किया कि हाउस से किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी, जबकि एसडीएम के एक पत्र पर सीधे अनुमति जारी कर दी गई। यह अपने-आप में बड़ी अनियमितता थी।
उन्होंने कहा कि धर्मशाला में चल रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मैंने इस मुद्दे को नियम-62 के तहत सदन में उठाया। मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आश्वस्त किया कि प्रदेश में निजी व व्यावसायिक मेलों के लिए स्थायी नीति बनाई जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसे निजी मेलों से व्यापारियों को नुकसान न झेलना पड़े। मुख्यमंत्री ने भी सदन में सहमति जताई कि पारंपरिक मेलों को छोड़कर ऐसे अस्थायी निजी मेले प्रदेश में आयोजित न हों।
आज नगर परिषद की विशेष बैठक में जवाहर पार्क के निजी मेला आयोजन की अनुमति सर्वसम्मति से तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्णय लिया गया। अनुमति पत्र में भी यह साफ लिखा था कि 72 घंटे के भीतर अनुमति को रद्द किया जा सकता है। हाउस को विश्वास में लिए बिना दी गई अनुमति ही पूरे विवाद की जड़ थी, जिससे व्यापारियों व जनता में असंतोष था।
जमवाल ने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस महत्वपूर्ण बैठक का तीनों कांग्रेस पार्षदों ने बहिष्कार किया, जो यह दर्शाता है कि इस निजी मेले के पीछे किसका संरक्षण था। पिछले वर्ष भी ऐसे ही मेला अनुमति को लेकर कौन उद्घाटन करने आया था, यह पूरा सुंदरनगर जानता है। परंतु भाजपा की ओर से हमने राजनीति से ऊपर उठकर अपने व्यापारी भाइयों का साथ दिया है और आगे भी देंगे।
स्थानीय व्यापारी जो किराये पर दुकानें चलाते हैं, टैक्स भरते हैं, विभागीय अनुमति लेते हैं—उनके हितों के खिलाफ इस प्रकार के निजी मेले होते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के इस समय में ऐसे मेले दो-दो महीने चलकर स्थायी व्यापार को नुकसान पहुँचाते हैं। इसलिए मैंने सदन में भी और बाहर भी साफ कहा है कि सुंदरनगर ही नहीं, पूरे प्रदेश में ऐसे मेले बंद होने चाहिए।
उन्होंने जानकारी दी कि आज विशेष बैठक में 31 दिनों की दी गई अनुमति को निरस्त कर दिया गया है—अब यह मेला जवाहर पार्क में नहीं लगेगा।साथ ही उन्होंने नगर परिषद अध्यक्ष और सभी पार्षदों का धन्यवाद किया जिन्होंने व्यापारी समाज की परेशानी को देखते हुए यह साहसी निर्णय लिया।