स्कूटी-बाइक से स्कूल आने वाले विद्यार्थियों के मामलों में ऊना जिला प्रशासन सख्त, डीसी बोले- प्रधानाचार्यों की जवाबदेही होगी तय

ऊना: उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने स्कूली विद्यार्थियों द्वारा स्कूटी या बाइक चलाकर स्कूल आने के मामलों पर गंभीर संज्ञान लेते हुए इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उपायुक्त ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक स्कूल को इस संबंध में स्पष्ट हिदायतें जारी करें। उन्होंने कहा कि किसी भी रैंडम निरीक्षण में यदि स्कूल में किसी छात्र या छात्रा की स्कूटी-बाइक खड़ी मिली, तो संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य की जवाबदेही तय की जाएगी।

वे शुक्रवार को जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित यादव, सभी एसडीएम, पुलिस, लोक निर्माण और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

डीसी ने एसडीएम और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्कूलों के आसपास आने-जाने के समय पर विशेष निगरानी रखें। यदि कोई अधिकारी स्कूटी-बाइक चलाते नाबालिग बच्चों को देखे, तो तुरंत कार्रवाई करें और स्कूल प्रिंसिपल एवं अभिभावकों को इसमें शामिल करें।

उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करें। हर माह जिले के सभी स्कूलों में सड़क सुरक्षा से संबंधित कोई न कोई जागरूकता गतिविधि अवश्य आयोजित की जाए, और अभिभावकों को भी इस दिशा में जागरूक करने के प्रयास किए जाएं। विभाग जागरूकता गतिविधियों की रिपोर्ट नियमित टर्नपर डीसी ऑफिस को सौंपे।

बैठक में उपायुक्त ने आरटीओ को निर्देश दिए कि स्कूली बसों और वाहनों को फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करते समय पूरी जांच-पड़ताल कर ही प्रमाणपत्र दें। इसमें किसी प्रकार की ढिलाई या कोताही न बरती जाए।

ब्लैक स्पॉट सुधार पर विशेष जोर

उपायुक्त ने जिले में दुर्घटना संभावित स्थलों और ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उनका शीघ्र सुधार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संवेदनशील गगरेट और अंब उपमंडलों में विशेष ध्यान देने को कहा।

इस संबंध में एनएच के अधिकारियों, पुलिस और संबंधित एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वे गगरेट और अंब क्षेत्र में बन्ने दी हट्टी, दौलतपुर चौक, बडूही और अन्य संवेदनशील स्थानों का संयुक्त निरीक्षण करें और आवश्यक सुधार कार्य, सड़क संकेतक एवं रंबल स्ट्रिप लगवाएं।

उपायुक्त ने मैहतपुर क्षेत्र में भी आवश्यकतानुसार बैरिकेडिंग लगाने और सुरक्षा प्रबंध सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। साथ ही, सड़क के समीप स्थित स्कूलों के पास विशेष सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग लगाने का भी निर्देश दिया गया।

सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वालों को मिलेगा सम्मान

उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन ऊना ने सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों की सहायता करने वाले संवेदनशील नागरिकों को सम्मानित करने की पहल की है। ऐसे नेक मददगारों को जिला प्रशासन की ओर से 25 हजार रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। यह राशि केंद्र सरकार की गुड सेमैरिटन योजना के तहत मिलने वाले 25 हजार रुपये के अतिरिक्त होगी।

उपायुक्त ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य लोगों को जरूरतमंदों की समय पर मदद के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने सभी उपमंडलाधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे मामलों को चिन्हित कर प्रोत्साहन एवं सम्मान के लिए प्रस्ताव भेजें।

उन्होंने कहा कि सड़कों को सुरक्षित, अतिक्रमण मुक्त और यातायात को जोखिम रहित बनाने के लिए सभी विभाग समन्वित प्रयास करें। दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए पूर्व सुधारात्मक कदम उठाए जाएं और यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने अवैध रेहड़ी-फड़ी और अतिक्रमण हटाने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने ऊना जिला में सड़क सुरक्षा कानूनों को सख्ती से लागू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ओवर स्पीड और लापरवाही से ओवरटेक दुर्घटना का बड़ा कारण बनते हैं। ऐसा करने वालों से कड़ाई से निपटें।

वहीं, पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने जिले में हाल में हुई सड़क दुर्घटनाओं का ब्योरा साझा करते उच्च जोखिम वाले स्थानों के सुधार पर विशेष बल देने पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग यातायात नियमों के पालन सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

बैठक में एसडीएम अंब सचिन शर्मा, एसडीएम ऊना अभिषेक मित्तल, एसडीएम हरोली विशाल शर्मा, एसडीएम बंगाणा सोनू गोयल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भाटिया व सुरेंद्र शर्मा, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता के.एस. ठाकुर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

सम्बंधित समाचार

Comments are closed